अमेरिका 2 अप्रैल से भारत समेत दक्षिण कोरिया और जापान समेत कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने जा रहा है। संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस मामले में बड़े सख्त नजर आए। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाला सामान घटिया और गंदा होता है। ट्रंप ने कहा दूसरे देश दशकों से हमारे खिलाफ टैरिफ लगाते रहे हैं, अब बारी हमारी है। यूरोपीय संघ के साथ ही चीन ब्राजील, मैक्सिको, कनाडा और भारत हमारी तुलना में कहीं ज्यादा टैरिफ वसूलते रहे हैं, यह गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत हमसे 100 प्रतिशत से अधिक ऑटो टैरिफ वसूलता है। पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान भी ट्रंप ने इस बात का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा चीन दो गुना और दक्षिण कोरिया चार गुना टैरिफ वसूलता है, ऐसा कैसे चलेगा।
रेसिप्रोकल टैरिफ क्या है
जब कोई देश दूसरे देश से आयात किए जाने वाले उत्पादों पर टैरिफ लगाता है तो संबंधित देश भी उसी अनुपात में संबंधित देश से अपने यहां आयात शुल्क लगा देता है। सीधे शब्दों में इसे जैसे को तैसा भी कह सकते हैं। अमेरिकी प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार सत्ता में आते ही रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने का ऐलान कर पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया। भारत समेत तमाम देश इससे प्रभावित होंगे।
अमेरिकी संसद में Donald Trump के बड़े ऐलान
सत्ता संभालने के 44वें दिन आज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कई बड़े ऐलान किए हैं। पूरे भाषण में अमेरिकी राष्ट्रपति व्यापार घाटे को लेकर सख्त नजर आए। उन्होंने जहां मैक्सिको और कनाडा के साथ व्यापार घाटे की निंदा की, वहां दोनों की सब्सिडी पर रोके लगाने के साथ ही मैक्सिको का नाम गल्फ ऑफ मैक्सिको से बदलकर गल्फ ऑफ अमेरिका करने का ऐलान कर दिया। अपने भाषण में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एलन मस्क की तारीफ भी की।
चीन को चुनौती देने की बात कही
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए अमेरिका के व्यापार घाटे पर नाराजगी जताई। इसके साथ ही ट्रंप ने कनाडा व मेक्सिको को दी जाने वाली सब्सिडी रोकने की बात कही। ट्रंप ने अपने भाषण में सेमीकंडक्टर चिप उत्पादन बढ़ाने पर जोर देते हुए चीन को चुनौती देने की रणनीति का उल्लेख भी किया। उन्होंने विदेशी कंपनियों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की ताकि वे अमेरिका में चिप्स बनाएं।
बोले- बाइडेन से सबसे खराब राष्ट्रपति
दूसरी बार अमेरिकी सत्ता संभालने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि बाइडेन अमेरिका के सबसे खराब राष्ट्रपति साबित हुए हैं। ट्रंप ने बाइडेन की नीतियों पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका के सिर में घाटे का व्यापार लाद दिया। यह अब नहीं चलेगा। अमेरिका ने घाटे के व्यापार से पीछा छुड़ाने के लिए पहले ही टैरिफ बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। उसके बाद पूरी दुनिया में टैरिफ वॉर का असर देखने को मिल रहा है।
बाइडेन सरकार ने दी इतनी सब्सिडी
बता दें कि अमेरिका की बाइडेन सरकार ने सेमीकंडक्टर के निर्माण में 50 बिलियन डॉलर से अधिक की सब्सिडी प्रदान की थी। बाइडेन सरकार की आर्थिक नीति एक अलग पहचान थी। ट्रंप की नीति है कि टैरिफ बढाकर अपने देश में ही संबंधित कंपनियों से उत्पादन कराया जाए ताकि देश में रोजगार की संभावनाएं और बढ़ें।
अमेरिका के जवाब में चीन ने भी टैरिफ बढ़ाया
बता दें कि इससे पहले चीन में अमेरिका के लिए इसी तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हुए जवाब दे चुका है। चीन ने अमेरिका के जवाब में अपने टैरिफ करीब 15 प्रतिशत तक बढ़ाने की घोषणा की है और साथ टैरिफ वॉर और युद्ध तक के लिए तैयार होने की बात कहते हुए अमेरिका पर दवाब और धौंस की रणनीति का प्रयोग करने का आरोप लगाया है।
अमेरिकी नागरिकता कानून में भी बदलाव
डोनाल्ड ट्रंप ने "गोल्ड कार्ड वीज़ा" योजना की शुरुआत की घोषणा की है। इस योजना के तहत पांच मिलियन डॉलर का निवेश करने वालों को सीधे अमेरिकी नागरिकता दी जाएगी। अपने संबोधन में ट्रंप ने एलन मस्क और सरकारी दक्षता विभाग की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि अमेरिका अब अन्य देशों से लगने वाले टैरिफ का जवाब देगा और 2 अप्रैल से नए टैरिफ लागू होंगे।
क्या है घाटे का व्यापार
जब हम घाटे का व्यापार की बात करते हैं तो इसका मतलब किसी भी देश में निर्यात से अधिक आयात होना है। यानी हम किसी देश से आयात अधिक और निर्यात कम करते हैं तो घाटे का व्यापार हुआ। डोनाल्ड ट्रंप घाटे की व्यापार की बात भारत के संबंध में भी कह चुके हैं। अब उन्होंने मैक्सिको और कनाडा की बात कही है।
ट्रांसजेंडर एथलीट रेस से बाहर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पब्लिक स्कूलों से "क्रिटिकल रेस थ्योरी" हटाने और आधिकारिक रूप से सिर्फ दो जेंडर (पुरुष और महिला) को मान्यता देने की बात कही। उन्होंने ट्रांसजेंडर एथलीट्स पर महिलाओं के खेलों में भाग लेने पर रोक लगाने के लिए एक्जीक्यूटिव ऑर्डर साइन करने की घोषणा की।