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यूपी में 1.82 लाख उपभोक्ताओं की जेब पर डाका, स्मार्ट प्रीपेड मीटर से 100 करोड़ की अतिरिक्त वसूली

स्मार्ट प्रीपेड मीटर के मामले में नई कॉस्ट डाटा बुक पर मांगे गए स्पष्टीकरण का जवाब उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन से देर रात नियामक आयोग में दाखिल किया।

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Deepak Yadav
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स्मार्ट प्रीपेड मीटर से 100 करोड़ अतिरिक्त वसूले Photograph: (YBN)

नई कॉस्ट डाटा बुक पर पावर कॉरपोरेशन से आयोग में दाखिल किया जवाब

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। स्मार्ट प्रीपेड मीटर के मामले में नई कॉस्ट डाटा बुक पर मांगे गए स्पष्टीकरण का जवाब पावर कॉरपोरेशन से देर रात नियामक आयोग में दाखिल किया। कॉरपोरेशन ने माना कि केन्द्र की आरडीएसएस योजना के तहत केवल पुराने उपभोक्ताओं के मीटर बदले जाने थे। नए कनेक्शन पर इन मीटरों का इस्तेमाल नहीं होना था। इसके बावजूद नए कनेक्शन पर उपभोक्ताओं से 6016 रुपये लिए गए। 

पावर कॉरपोरेशन को अपने सिस्टम पर भरोसा नहीं 

पावर कॉरपोरेशन आरडीएसएस योजना की जिस धारा का हवाला देकर जवाब दे रहा है, उसका मतलब यह है कि जब कोई नया कनेक्शन सिस्टम में जोड़ा जाएगा, उसका पूरा ब्योरा एमआईएसपी डेटाबेस में जुड़ जाएगा। लेकिन पावर कारपोरेशन को अपने ही सिस्टम पर भरोसा नहीं है कि नए मीटर इंटीग्रेटे होंगे या नहीं। इससे साफ है कि प्रोजेक्ट गुणवत्ता के आधार पर नहीं बनाया गया है। 

नए स्मार्ट मीटर इंटीग्रेट करने में दिक्कत

पावर कॉरपोरेशन बार-बार कह रहा है कि कॉस्ट डाटा बुक में प्रस्तावित स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दरों का उसके पास कोई साक्ष्य, डेटा नहीं है। दरें केवल पूछताछ के आधार पर निकाली गई हैं। भविष्य में नए स्मार्ट मीटर खरीदे जाएंगे तो उन्हें मास्टर डाटा प्रबंधन में इंटीग्रेट करने में तकनीकी दिक्कतें आ सकती है। 

1,81,782 उपभोक्ताओं को नए कनेक्शन दिए 

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि 18,885 करोड़ की योजना को पावर कॉरपोरेशन ने 27,342 करोड़ तक पहुंचा दिया। आयोग की अनुमति के बिना 14 सितंबर से 22 नवंबर तक 1,81,782 नए उपभोक्ताओं को स्मार्ट प्रीपेड मीटर के साथ नए कनेक्शन दिए गए। इनसे लगभग 100 करोड़ अतिरिक्त वसूले गए। जबकि इन मीटरों की कोई वैध स्वीकृत दर निर्धारित ही नहीं है।

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परिषद नियामक आयोग से मांगें

  • उपभोक्ताओं से वसूले गए लगभग 100 करोड़ रुपये तत्काल वापस किए जाएं।
  • पावर कॉरपोरेशन की कार्यशैली पर नियामक आयोग तुरंत कठोर कार्रवाई करे।
  • नए कनेक्शन पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने पर तत्काल रोक लगाई जाए। जब तक कि दरें विधिवत स्वीकृत न हों।
  • भ्रमित करने वाले जवाब दाखिल करने पर कॉरपोरेशन पर कार्रवाई की जाए।

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