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स्मार्ट प्रीपेड मीटर से उपभोक्ता परेशान Photograph: (Google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के लिए सिरदर्द बन गया है। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम (DVVNL) के अंतर्गत चार जोन में प्रीपेड मीटर को लेकर चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। बांदा, झांसी और कानपुर खंडों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवाने वाले 255 उपभोक्ताओं ने कनेक्शन स्थायी रूप से कटवा दिया। मीटर लगाने वाली एक कंपनी ने अपनी साइड ऑब्जर्वेशन रिपोर्ट में इस बात को स्वीकार किया है।
उपभोक्ताओं की शंका दूर करने में कंपनियां नाकाम
प्रदेश भर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर के तेज चलने की शिकायतें रोजाना सामने आ रही हैं। वहीं बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं की शंका दूर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही हैं। दो दिन पहले प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में यह बयान दिया था कि स्मार्ट मीटर बिल्कुल सही हैं और स्मार्टफोन की तरह काम करते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है।
1973 कनेक्शन अस्थायी रूप से मिले डिस्कनेक्ट
दक्षिणांचल में रिचार्ज न करने पर करीब 1973 उपभोक्ताओं के कनेक्शन अस्थायी रूप से डिस्कनेक्ट पाए गए। 303 मीटर से केबल कटा मिला। 60 मीटर केबल क्षतिग्रस्त मिले। 136 मीटर बायपास और 103 उपभोक्ताओं के मीटर साइट पर मिले ही नहीं। 23 मामलों में पोटेंशियल ट्रांसफार्मर (पीटी) डैमेज पाया गया।
255 स्थायी डिस्कनेक्शन गंभीर चेतावनी
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि मौजूदा समय में कोई भी उपभोक्ता बिजली के बिना नहीं रह सकता। ऐसे में 255 उपभोक्ताओं का अपना कनेक्शन स्थायी रूप से कटवाना जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि अगर उपभोक्ता स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के बाद अधिक बिल आने की समस्या से परेशान होकर ऐसा कदम उठा रहे हैं, तो यह बिजली कंपनियों के लिए गंभीर चेतावनी है।
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