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फाइल फोटो।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता । राजधानी में वस्तु एवं सेवा कर (GST) विभाग की सतर्कता से दो शातिर व्यापारियों द्वारा किए गए करोड़ों के टैक्स घोटाले का भंडाफोड़ हुआ है। इन व्यापारियों ने कागजों में सात फर्जी फर्में खड़ी कर लगभग 34.49 करोड़ रुपए की कर चोरी को अंजाम दिया। मामला सामने आने पर CGST विभाग ने अमीनाबाद व नाका थाने में दोनों व्यापारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
अमीनाबाद निवासी विशाल पर बोगस पते व फर्जी किरायानामा दिया था
राज्य कर विभाग के प्रांतीय अधिकारी रवि पवार के अनुसार, आरोपी विशाल कश्यप ने 'शिवम श्रृंगार घर' नामक फर्म का पंजीकरण 19 मई 2023 को अमीनाबाद की स्वदेशी मार्केट में दर्शाकर कराया। लेकिन 1 मार्च 2024 को संयुक्त आयुक्त द्वारा की गई जांच में पाया गया कि फर्म का पता फर्जी है।जांच में यह भी सामने आया कि फर्म के लिए जो किरायानामा दिया गया था, वह फर्जी निकला। असली दुकान मालिक नरेंद्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि दुकान उन्होंने वर्षों पहले वक्फ से किराए पर ली थी और 1996 में खाली भी कर दी थी। इस आधार पर विशाल पर फर्जी दस्तावेजों के जरिये पंजीकरण और छह अन्य फर्जी फर्म बनाने का आरोप है, जिसके माध्यम से उसने करीब 28.95 करोड़ की कर चोरी की।
मुरादाबाद निवासी व्यापारी श्याम बाबू पर भी धोखाधड़ी का आरोप
दूसरी कार्रवाई में बुद्ध बाजार रोड, मुरादाबाद निवासी व्यापारी श्याम बाबू पर 5.54 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का मामला दर्ज हुआ है। उन्होंने अपनी फर्म सर्वश्री राम इंटरप्राइजेज के संचालन का पता नाका क्षेत्र के आर्य नगर में दर्शाया था। लेकिन 30 अप्रैल 2025 को की गई विभागीय जांच में पाया गया कि वहां कोई फर्म अस्तित्व में ही नहीं है।उपायुक्त राज्य कर अधिकारी राखी सिंह के अनुसार, जांच के बाद नाका थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। इंस्पेक्टर श्रीकांत राय और इंस्पेक्टर सुनील कुमार आज़ाद ने दोनों मामलों की जांच शुरू कर दी है।
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