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लखनऊ में 8400 बच्चे कुपोषण का शिकार Photograph: (Google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश को कुपोषण मुक्त करने के सरकारी के प्रयासों को झटका लगा है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 8400 से अधिक बच्चे कुपोषण की गिरफ्त में पाए गए हैं। इनमें पॉश कॉलोनी अलीगंज में सबसे अधिक बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। यह चिंताजनक स्थिति सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और पोषण संंबंधी जागरुकता पर सवाल खड़े करती है।
अलीगंज में सबसे ज्यादा बच्चे कुपोषित
बाल विकास पुष्टाहार विभाग की ताजा रिपोर्ट बताती है कि अलीगंज में 1250 बच्चे कुपोषित हैं। इनमें से 181 बच्चे अति कुपोषित (सैम) और 1069 बच्चे कुपोषित (मैम) श्रेणी के हैं। वहीं, पूरे जिले में 981 बच्चे अति कुपोषित और 7421 बच्चे कुपोषित श्रेणी में दर्ज किए गए हैं। काकोरी में सबसे कम 566 बच्चे कुपोषण की गिरफ्त में हैं।
पोषण ट्रैकर से होती है सैम और मैम बच्चों की पहचान
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हर महीनें केंद्रों पर बच्चों का वजन और लंबाई मापकर उसका ब्योरा पोषण ट्रैकर पर अपलोड करती हैं। उसी के आधार पर सीवियर एक्यूट मैलन्यूट्रिशन (सैम) और मॉडरेट एक्यूट मैलन्यूट्रिशन (मैम) ट्रैकर खुद छांट लेता है।
अति कुपोषित बच्चों का पुनर्वास केंद्रों में उपचार
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रेयश कुमार के मुताबिक, बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए प्रतिमाह पोषाहार वितरित किया जाता है। प्रत्येक शनिवार सैम व मैम श्रेणी के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण नजदीकी सीएचसी और पीएचसी पर कराया जाता है। इसके साथ उन्हें मल्टी विटामिन और कुपोषण से बचाने के लिए छह तरह की दवाएं दी जाती हैं। अति कुपोषित बच्चों को बलरामपुर और लोहिया अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र में 15 दिन के लिए भर्ती कराया जाता है।
क्षेत्र कुपोषित अति कुपोषित
अलीगंज (शहर) 1069 181
आलम नगर (शहर) 847 97
बीकेटी 869 110
चिनहट 701 52
गोसाईगंज 718 52
काकोरी 483 83
मलिहाबाद 484 65
माल 589 64
मोहनलालगंज 851 83
सरोजनीनगर 810 114
कुल 7421 921
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