/young-bharat-news/media/media_files/2025/08/19/surya-pratap-shahi-2025-08-19-22-40-55.jpg)
प्राकृतिक खेती के क्लस्टरों की निगरानी में लापरवाही पर होगी कार्रवाई
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मंगलवार को विधानभवन स्थित कार्यालय में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन की समीक्षा में अधिकारियों को निर्देश दिये कि योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से किया जाए। नियमित निरीक्षण किया हो, लापरवाही पाए जाने पर सम्बन्धित अधिकारियों के विरुद्ध कठोर काईवाई की जाएगी। कृषि मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती से मिट्टी की उर्वरता और जल संरक्षण सुनिश्चित होगा। किसानों को जैविक उत्पादों की बाजार में अच्छी कीमत मिलेगी। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे प्रशिक्षण और संसाधन केंद्रों का लाभ उठाकर प्राकृतिक खेती की तकनीकों को अपने खेतों में लागू करें।
प्रदेश में 1886 कृषि क्लस्टर का गठन
बैठक में पेश आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश के 75 जनपदों एवं 318 विकासखण्डों में 1886 क्लस्टरों का गठन किया जा चुका है। अब तक 3772 कृषि सखी-सीआरपी का चयन और प्रशिक्षण हुआ है। क्लस्टर स्तर पर 1886 जागरूकता कार्यक्रम और 318 ओरिएन्टेशन कार्यक्रम सम्पन्न कराए गए हैं। मिशन के अंतर्गत 2.20 लाख कृषक प्रशिक्षित हो चुके हैं। किसानों से 82 हजार से अधिक मृदा नमूने लिए गए हैं। साथ ही 38 स्थानीय प्राकृतिक खेती संस्थान (LNFI) से 38 मॉडल फार्म विकसित किए गए हैं तथा 199 वैज्ञानिक, फार्मर मास्टर ट्रेनर एवं 120 विभागीय अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है। हाल ही में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी में वैज्ञानिकों एवं फार्मर मास्टर ट्रेनरों का विशेष प्रशिक्षण आयोजित हुआ।
किसानों को लाभ सुनिश्चित करने पर जोर
बैठक के तुरंत बाद कृषि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों की निर्माण परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में टीश्यू कल्चर लैब, ऑडिटोरियम, इनक्यूबेशन सेंटर, ऑर्गेनिक लैब तथा अन्य निर्माण प्रस्तावों की प्रगति पर चर्चा की गई। कृषि मंत्री ने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को केवल बुनियादी ढांचे के निर्माण तक सीमित न रहकर रिसर्च आधारित प्रोजेक्ट प्रस्तुत करने होंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कृषि विश्वविद्यालय को अपना आगामी वर्षों का विजन डॉक्यूमेंट तैयार करना चाहिए, जिसमें यह स्पष्ट हो कि वे आने वाले समय में किस दिशा में अनुसंधान करेंगे और उसका प्रत्यक्ष लाभ किसानों को कैसे मिलेगा।
शोध परियोजनाएं व्यवहारिक और लाभकारी हों
कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि प्राकृतिक खेती किसानों की आय बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण का सशक्त माध्यम है, इसे मिशन मोड में आगे बढ़ाया जाए। अधिकारियों और कुलपतियों को निर्देश दिए कि विश्वविद्यालयों की शोध परियोजनाएं व्यवहारिक हों और उनका परिणाम किसानों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने व उनकी लागत घटाने में मददगार हो।
Agriculture News | Agriculture Department | Agriculture minister
यह भी पढ़ें- आगे बढ़ी निजीकरण प्रक्रिया : बिजली कर्मी बिफरे, टेंडर पर कार्य बहिष्कार, जेल
यह भी पढ़ें- लिफाफा लेने वाले एसडीएम हटाए गए, डीएम ने एडीएम को सौंपी जांच
यह भी पढ़ें- निजीकरण मसौदे की मंजूरी को नियामक आयोग जाएंगे आला अफसर, उपभोक्ता परिषद ने भी कसी कमर