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निजीकरण मसौदे की मंजूरी को नियामक आयोग जाएंगे आला अफसर Photograph: (google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण मसौदे की मंजूरी के लिए प्रदेश सरकार के अधिकारी सोमवार को नियामक आयोग जा सकते हैं। वहीं, राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद भी इस पर विधिक आपत्ति दाखिल करने को तैयार है। परिषद का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में बिजली दरों को लेकर विद्युत नियामक आयोग के जारी आदेश विवादों में हैं। ऐसे में ऐसे में आयोग विवादित आंकड़ों के आधार पर निजीकरण के मसौदे को मंजूरी नहीं दे सकता है।
बिजली दरों के आदेश विवादों में
उपभोक्ता परिषद के अनुसार, नियामक आयोग के पिछले पांच वर्षों में बिजली दरों को लेकर जारी आदेशों के खिलाफ कपंनियों और पावर कारपोरेशन ने अपीलेट ट्रिब्यूनल में मुकदमे दायर किए हैं। वहीं, दूसरी तरफ इस अवधि में जिस कानून के तहत बिजलीं दरें तय की गईं, उसे नोएडा पावर कंपनी ने हाईकोर्ट में चुनाती दी है। आयोग उसमें पार्टी है। अलग-अलग वर्षों में बिजली दरों के मंजूर आंकड़ों के अनुसार निजीकरण के मसौदे को आयोग कैसे हरी झंडी दे सकता है।
आयोग ने खुद मसौदे में निकाली कमियां
परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि विधिक विवादों के चलते नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं के 33122 करोड़ रुपये सर प्लस के एवज में बिजली दरों में अभी तक कमी नहीं की। आयोग ने खुद मसौदे में गंभीर कमियां निकालकर उसे वापस किया है। ऐसे में विवादित आंकड़ों के आधार पर आयोग निजीकरण मसौदे को कैसे मंजूरी दे सकता है। परिषद इन सभी पहलुओं पर सोमवार को विधिक प्रस्ताव आयोग में दाखिल करते हुए निजीकरण के प्रस्ताव को खारिज करने की मांग उठायेगी।
Electricity Privatisation | UPRVUP | Avadehsh Kumar Verma
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