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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ में एक शर्मनाक घटना हुई जब एक एडीजी के बेटे ने अपने साथियों के साथ मिलकर हजरतगंज थाने के एक सिपाही पर हमला किया। सिपाही को बहुत चोटें आईं और उसकी वर्दी तक फट गई। पुलिस ने एडीजी के बेटे को छोड़ अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
यह घटना पिछले सप्ताह हुई, जिसे छुपाने की कोशिश की गई। स्थानीय थाने और पुलिस ने इस मामले को दबाने का प्रयास किया। मगर आजाद अधिकार सेना ने इस मामले को उठाकर सार्वजनिक कर दिया। अब यह मामला चर्चा में है। सूत्रों के अनुसार आरोपी युवक और उसके साथी पास की दुकानों से खाने-पीने का सामान मंगवा रहे थे और भुगतान किए बिना चले गए। जब ड्यूटी पर तैनात सिपाही ने उन्हें टोका तो युवकों ने उस पर हमला बोल दिया। हाथापाई के दौरान सिपाही की वर्दी फाड़ दी गई और वह खून से लथपथ हो गया। इस मामले हजरत थाने की पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और चौथे आरोपी को छोड़ दिया। बताया जाता है कि चौथे आरोपी के पिता डीजीपी दफ्तर में एडीजी के पद पर तैनात हैं।
हजरतगंज थाने की पुलिस ने कैमरों की रिकार्डिंग जब्त की
पुलिस ने घटना स्थल के पास मौजूद दुकानों के CCTV कैमरों की रिकॉर्डिंग जबरन अपने कब्जे में ले ली है। यह कदम वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर उठाया गया है। इस कार्रवाई से यह आशंका बढ़ गई है कि मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। स्थानीय लोग और विपक्षी नेता इस कदम को लेकर सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि इससे जांच की निष्पक्षता पर संदेह पैदा हो रहा है। पुलिस का कहना है कि यह कदम जांच में मदद के लिए लिया गया है, मगर कई लोग इसे मामले को छुपाने का प्रयास मान रहे हैं। इस घटना ने इलाके में तनाव और चिंता को बढ़ा दिया है।
अमिताभ ठाकुर ने किया निरीक्षण
पूर्व आईपीएस एवं आजाद अधिकार सेना के अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने हजरतगंज थाना क्षेत्र में हुई घटना का निरीक्षण किया। उन्होंने पुलिस चौकी और घटना स्थल का दौरा किया और फिर डीसीपी से मिलकर चौथे आरोपी डीजीपी दफ्तर में तैनात एडीजी पुत्र को पकड़ने की मांग की। ठाकुर का कहना है कि पुलिस जानबूझकर मुख्य आरोपी एडीजी पुत्र को बचा रही है। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई की निंदा की और सख्त कदम उठाने की अपील की।
अमिताभ ठाकुर बोले: डीजीपी दफ्तर में तैनात एडीजी पुत्र को जानबूझकर बचा रही है पुलिस
थाना हजरतगंज क्षेत्र में सिपाही अर्जुन चौरसिया के साथ हुए मारपीट कांड में आजाद अधिकार सेना ने गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने अपनी टीम के साथ घटनास्थल और हजरतगंज थाने का दौरा किया और पूरे घटनाक्रम की जमीनी जानकारी एकत्र की। अमिताभ ठाकुर ने बताया कि घटनास्थल और थाने की बारीकी से जांच के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि चौथे अभियुक्त की पहचान पुलिस को पहले से है, मगर जानबूझकर उसे बचाया जा रहा है। यह पुलिस की निष्पक्षता और ईमानदारी पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
DCP से की मुलाकात
घटना की जानकारी लेने के बाद अमिताभ ठाकुर ने डीसीपी मध्य लखनऊ आशीष श्रीवास्तव से मुलाकात कर समस्त तथ्य उनके समक्ष रखे। उन्होंने ज्ञापन सौंपते हुए यह मांग कि चौथे अभियुक्त को अविलंब सार्वजनिक किया जाए और उस पर कानूनी कार्रवाई की जाए। अमिताभ ठाकुर ने कहा कि एक वर्दीधारी सिपाही पर हमला लोकतंत्र और कानून के शासन पर हमला है। यदि दोषियों को बचाया जाता है तो यह तंत्र की निष्क्रियता नहीं बल्कि मिलीभगत का प्रमाण है। हम इसकी घोर भर्त्सना करते हैं और मांग करते हैं कि सभी आरोपियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए।
सवालों में घिरी हजरतगंज थाने की पुलिस
- क्यों नहीं सामने लाया जा रहा है चौथा अभियुक्त?
- किसके दबाव में है हजरतगंज थाना?
- CCTV फुटेज क्यों अब तक सार्वजनिक नहीं?
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