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Akhilesh Yadav ने कानपुर अधिवक्ता प्रकरण में BJP को घेरा : बोले- ‘UP में भाजपाई भ्रष्टाचार का त्रिकोण

अखिलेश ने एक्स पर लिखा कि उप्र में भाजपाई भ्रष्टाचार का त्रिकोण... फर्जी एनकाउंटर वाली भ्रष्ट भाजपा सरकार... काली कमाई वाले भाजपा संरक्षित भ्रष्ट अधिकारी...

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Deepak Yadav
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Akhilesh Yadav ने कानपुर अधिवक्ता प्रकरण में BJP को घेरा

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। समाजवादी पार्टी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कानुपर के माफिया अधिवक्ता की रंगदारी और काली कमाई का मामला उजागर होने पर भाजपा सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा के त्रिकोणीय भ्रष्टाचार से प्रदेश ‘माफिया मुक्त’ नहीं हुआ है, बल्कि यहां का माफिया ‘महामाफिया’ बन गया है।

भ्रष्टाचारी को न ड्रोन देख पाया, न दूरबीन 

अखिलेश यादव ने सोमवार को इंटरनेट मीडिया एक्स पर लिखा कि उप्र में भाजपाई भ्रष्टाचार का त्रिकोण... फर्जी एनकाउंटर वाली भ्रष्ट भाजपा सरकार... काली कमाई वाले भाजपा संरक्षित भ्रष्ट अधिकारी... ⁠उपर्युक्त दोनों की करतूतों को छिपाने वाला भ्रष्ट भाजपाई वकील...हजारों करोड़ कमाने वाले भ्रष्टाचारी को न ड्रोन देख पाया, न दूरबीन में वो नजर आया, मामला भी तब खुला जब आपस में ही रंगदारी का गोरखधंधा सामने आया। 

अब कहां हैं  'माफिया मुक्त’ यूपी का दावा करने वाले 

अब देखते हैं कि इस भाजपाई भू-माफिया के अवैध कब्जों पर बुलडोजर अपने आप चलता है या हमारी इस पोस्ट के प्रकाशित होने के बाद या फिर कोई सबसे बड़ा रंगदार, इन सबसे वसूलकर मामला रफा-दफा कर देगा। उप्र के ‘माफिया मुक्त’ होने का दावा करने वाले अब कहां हैं? सच तो ये है कि उप्र ‘माफिया मुक्त’ नहीं हुआ है, बल्कि उप्र का माफिया किसी एक में समाकर ‘महामाफ़िया’ बन गया है।

ये है पूरा मामला

दअरसल, लोगों पर दुष्कर्म के फर्जी मामले दर्ज कराने के लिये कानपुर के अधिवक्ता अखिलेश दुबे को लड़कियां सप्लाई कराने वाले वकील शैलेंद्र यादव उर्फ टोनू को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। एसआईटी की जांच में खुलाया हुआ कि दुबे ने सरकारी विभागों की मिलीभगत से 1500 करोड़ रुपये की जमीन पर कब्जा कर स्कूल और गेस्ट हाउस बनवाएं हैं। दुबे लड़कियों से फर्जी मुकदमे दर्ज कराकर लोगों से करोड़ों रुपये वसूलता था। वह मुफ्त में पुलिस की केस डायरी और चार्जशीट लिखता था। जिससे अफसरों में उसका रसूख था। 

एसआईटी को जांच में ऐसे 54 मुकदमे मिले

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एसटीएफ के बड़े एनकाउंटर की डायरी दूबे के दफ्तर में तैयार होती थी। एसआईटी को पड़ताल में ऐसे 54 मुकदमे मिले, जो सीधे दुबे से जुड़े हैं। अधिवक्ता के सिडिंकेट में कई आईपीएस और पीपीएस अफसर भी शामिल थे। जिन्होंने अपनी काली कमाई उसकी कंपनियों और जमीनों में लगाई। दुबे ने भाजपा नेता रवि सतीजा से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। रुपये नहीं देने पर फर्जी केस दर्ज कराने धमकी दी। सतीजा ने कानुपर के बर्रा थाने में दुबे खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद पुलिस ने अधिवक्ता अखिलेश दुबे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। फिलहाल वह जेल में बंद हैं।

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