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सपा मुखिया अखिलेश यादव का फाइल फोटो। Photograph: (सोशल मीडिया)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। मतदाता सूची से नाम कटने को लेकर बिहार ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीति भी गरमाई हुई है। यहां चुनाव आयोग और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है समाजवादी पार्टी के मुखिया व प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने। दरअसल, यहां मामला सपा द्वारा दिए गए 18,000 शपथपत्रों का है, जिनमें पहले चुनाव आयोग द्वारा कहा गया कि उसे शपथपत्र मिले ही नहीं। इसके बाद 17 अगस्त को अखिलेश यादव ने इन शपथपत्रों की आयोग द्वारा प्राप्ति की डिजिटल रसीदें जारी कर दीं। इसके बाद तो सियासी बवाल मच गया। वहीं, 19 अगस्त को एक बार फिर अखिलेश यादव ने कहा कि जिलाधिकारी को आगे करके चुनाव आयोग अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता है।
डीएम लोगों से जनता का एक मासूम सवाल है, क्यों इतने सालों बाद आया जवाब है?
बुधवार की सुबह एक बार फिर सोशल मीडिया एक्स पर अखिलेश यादव ने इस मामले में कई सवाल उठाते हुए लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा है। सपा मुखिया(samajwadi party) ने लिखा, 'जिस तरह कासगंज, बाराबंकी, जौनपुर के DM हमारे 18,000 शपथपत्रों के बारे में अचानक अति सक्रिय हो गए हैं, उसने एक बात तो साबित कर दी है कि जो चुनाव आयोग(election commission) कह रहा था कि 'एफिडेविट की बात गलत है' मतलब एफिडेविट नहीं मिले, उनकी वो बात झूठी निकली। अगर कोई एफिडेविट मिला ही नहीं, तो ये जिलाधिकारी लोग जवाब किस बात का दे रहे हैं? अब सतही जवाब देकर खानापूर्ति करने वाले इन जिलाधिकारियों की संलिप्तता की भी जांच होनी चाहिए। कोर्ट संज्ञान ले, चुनाव आयोग या डीएम में से कोई एक तो गलत है ही ना?'
जो सीसीटीवी पर पकड़े गए हों, उनके द्वारा दी गई सफाई पर किसी को विश्वास नहीं
अखिलेश यादव(akhileshyadav) ने आगे लिखा, 'झूठ का गठजोड़ कितना भी ताकतवर दिखे पर आखिरकार झूठ हारता ही है, क्योंकि नकारात्मक लोगों का साझा-गोरखधंधा अपने-अपने स्वार्थों की पूर्ति करने के लिए होता है, ऐसे भ्रष्ट लोग न तो अपने ईमान के सगे होते हैं, न परिवार, न समाज के, तो फिर भला अपने साझेदारों के कैसे होंगे। ये बेईमान लोग देश और देशवासियों से ताउम्र दगा करते हैं और अंततः पकड़े जाने पर अपमान से भरी जिंदगी जीने की सजा काटते हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'भाजपा सरकार, चुनाव आयोग और स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत वो 'चुनावी तीन तिगाड़ा' है, जिसने सारा काम बिगाड़ा है और देश के लोकतंत्र पर डाका डाला है।' आखिर में अखिलेश ने कहा कि अब जनता इस 'त्रिगुट' की अदालत लगाएगी।
उप्र में 2022 के विधानसभा चुनावों में नाम काटने को लेकर हमने जो 18000 शपथपत्र दिये थे, भाजपा सरकार उनमें से एक का भी जवाब सही तरीक़े से देना नहीं चाहती है। ज़िलाधिकारी को आगे करके चुनाव आयोग बच नहीं सकता। इस मामले की गहन जाँच-पड़ताल हो। डीएम साहब दिखाएं कि नाम काटते समय जो ‘मृतक…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 19, 2025
जो चुनाव आयोग ये कह रहा है कि हमें यूपी में समाजवादी पार्टी द्वारा दिये गये ऐफ़िडेविट नहीं मिले हैं, वो हमारे शपथपत्रों की प्राप्ति के प्रमाण स्वरूप दी गयी अपने कार्यालय की पावती को देख ले। इस बार हम मांग करते हैं कि चुनाव आयोग शपथपत्र दे कि ये जो डिजिटल रसीद हमको भेजी गयी है वो… pic.twitter.com/9A4njvF9Tw
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 17, 2025
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