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KGMU से एक और डॉक्टर ने दिया इस्तीफा, जानें क्या है वजह?

केजीएमयू प्रो. केके सिंह ने बताया कि संस्थान डॉक्टरों को काफी सुविधाएं और सहूलियत देता है। ज्यादातर डॉक्टर निजी वजह से ही संस्थान छोड़ रहे हैं। डॉक्टरों को केजीएमयू में रोकने के लिए सरकार को सुविधाएं बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।

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Deepak Yadav
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केजीएमयू से एक और डॉक्टर ने दिया इस्तीफा

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) को एक और डॉक्टर ने झटका दिया है। अब संस्थान के न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. पीके शर्मा ने इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा केजीएमयू प्रशासन ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि डॉ. शर्मा नोटिस अवधि के दौरान अगले तीन महीने तक काम करते रहेंगे। 

निजी मेडिकल संस्थान किया जॉइन

डॉ. पीके शर्मा ने इस्तीफे की वजह आलमबाग स्थित निजी मेडिकल संस्थान जॉइन करना बताया है। उनसे पहले इसी साल सात डॉक्टर संस्थान छोड़ चुके हैं। इनमें पूर्व प्रॉक्टर प्रो. क्षितिज श्रीवास्तव, मनोरोग विशेषज्ञ प्रो. आदर्श त्रिपाठी, रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के डॉ. अजय कुमार वर्मा, डॉ. मनु अग्रवाल, डॉ. तन्वी भार्गव, प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉ. अशोक कुमार गुप्ता और कार्डियक एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. करण कौशिक शामिल हैं। 

सरकार को केजीएमयू में बढ़नी चाहिए सुविधाएं 

केजीएमयू प्रो. केके सिंह ने बताया कि संस्थान डॉक्टरों को काफी सुविधाएं और सहूलियत देता है। ज्यादातर डॉक्टर निजी वजह से ही संस्थान छोड़ रहे हैं। डॉक्टरों को केजीएमयू में रोकने के लिए सरकार को सुविधाएं बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।

आखिर क्या है केजीएमयू छोड़ने की वजह?

केजीएमयू छोड़ने के पीछे कई प्रमुख कारण हैं। काम का दबाव और निजी चिकित्सा संस्थानों में बेहतर वेतन और सुविधाएं मुख्य वजह हैं। केजीएमयू की ओपीडी में डॉक्टर रोजाना सैकड़ों मरीज देखते हैं। इसके साथ वॉर्ड में भर्ती मरीजों के इलाज और मे​डिकल स्टूडेंट्स को पढ़ाना भी पड़ता है। वहीं, शहर में तेजी से खुलते कई निजी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल अनुभवी डॉक्टरों को बेहतर वेतन और सुविधाएं देकर अपने साथ जोड़ रहे हैं। इसके साथ ही निजी प्रैक्टिस भी एक बड़ा कारण है। इसी के चलते तमाम वरिष्ठ डॉक्टर सरकारी संस्थान छोड़कर निजी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं।

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