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UP News : मांगों पर उदासनीता से कर्मचारी नाराज, 18 को करेंगे प्रदर्शन

विभिन्न मांगों पर सरकार की उदासीनता से नाराज कर्मचारी 18 अक्टूबर को जनपद मुख्यालय पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को मांगों का ज्ञापन भेजेंगे।

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Deepak Yadav
protest 18 october

वेतन विसंगति समेत​ विभिन्न मांगों को लेकर 18 को प्रदर्शन करेंगे कर्मचारी Photograph: (Google)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। वेतन विसंगति दूर करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का कर्मचारी जागरण अभियान चार सितंबर से लगातार जारी है। मांगों पर सरकार की उदासीनता से नाराज कर्मचारी 18 अक्टूबर को जनपद मुख्यालय पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को मांगों का ज्ञापन भेजेंगे। संगठन के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने कहा कि विगत 18 माह से शासन स्तर पर मांगों को लेकर कोई वार्ता नहीं हुई है। इससे कर्मचारियों की मांगें ठंडे बस्ते में चली गई हैं। 

समाज कल्याण विभाग में मनमानी कार्रवाई

तिवारी ने कहा कि खाद्य रसद विभाग में नियम विरुद्ध किए गए पदाधिकारियों के स्थानांतरण अभी तक निरस्त नहीं किए गए। समाज कल्याण और अनुसूचित जाति-जनजाति विभाग में 60 प्रतिशत औसत परीक्षा परिणाम को मनमाने तरीके से लागू करते हुए दर्जनों शिक्षकों को नौकरी से हटा दिया गया है। विभागीय मंत्री इस मामले में मौन हैं। विभिन्न विभागों में रिक्त पद नियुक्तिां नहीं हो रही हैं। आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए निगम बना दिए गए, लेकिन विभागों में उसका क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा। आउटसोर्स कंपनियां पहले से कार्यरत कर्मचारियों को हटाकर नई भर्ती करने में लगी हुई हैं। 

वेतन​ विसंगितयों पर फैसला लंबित

उन्होंने कहा कि वित्त विभाग में फाइलेरिया निरीक्षक, चकबंदी संवर्ग, विपणन, आपूर्ति निरीक्षक सहित कई विभागों के कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों पर मुख्य सचिव ने अभी तक कोई निर्णय नहीं किया है। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी सहायक चकबंदी अधिकारी संवर्ग के पदों की विसंगति दूर नहीं की गई है। ना ही इन पदों को राजपत्रित प्रतिष्ठा प्रदान की गई है। परिवहन विभाग में नगरीय परिवहन सेवाओं में लगे संविदा चालकों-परिचालकों को हटाया जा रहा है। वाराणसी, आगरा, प्रयागराज, मथुरा सहित कई महानगरों में नगरीय परिवहन सेवाओं को पूरी तरह निजी हाथों में सौंप दिया गया है। वहां कर्मचारी बेरोजगार होकर भुखमरी की कगार पर आ गए हैं। 

परिवहन विभाग की सेवाएं निजी हाथों में सौंपी

लखनऊ में भी गोमती नगर डिपो बंद कर दिया गया है। केवल दुबग्गा डिपो में कुछ कर्मचारी रह गए हैं। बाकी सब सेवाएं निजी ऑपरेटरों को सौंप दी गई है। आम जनता से जुड़ी हुई परिवहन विभाग की सेवाएं निजी ऑपरेटरों के हाथों में हैं। डग्गामारी पर कोई अंकुश नहीं है। परिवहन विभाग के कर्मचारी लगातार प्रयास कर रहे हैं लेकिन विभाग में कोई सुनवाई नहीं हो रही है।  

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 सीएम से मांगों पर संज्ञान की अपील

तिवारी ने मुख्यमंत्री को पुनः पत्र लिखकर कर्मचारियों की प्रमुख मांगों का संज्ञान लेने, दशहर और दीपावली पर्व से पूर्व वेतन, महंगाई भत्ते की किश्त का भुगतान और बोनस देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग में हटाए गए शिक्षक शीघ्र ही कार्य पर वापस नहीं लिए जाते हैं, विभाग में आंदोलन तेज किया जाएगा।

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