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UP में नया बिजली कनेक्शन महंगा : प्रीपेड मीटर की अनिवार्यता से छह गुना दरें बढ़ीं, UPPCL के खिलाफ अवमानना वाद दायर

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बिजली कनेक्शन प्रीपेड स्मार्ट मीटर के साथ ही देने का मामला में पावर कारपोरेशन के खिलाफ आयोग में अवमानना याचिका दाखिल की।

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Deepak Yadav
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पावर कारपोरेशन के खिलाफ नियामक आयोग में अवमानना याचिका दायर Photograph: (YBN)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी में नया बिजली कनेक्शन अब महंगा हो गया है। पावर कारपोरेशन ने बिना नियामक आयोग की अनुमति के दरें छह गुना तक बढ़ा दी हैं। यह बढ़ोत्तरी नए कनेक्शन के साथ अनिवार्य स्मार्ट प्रीपेड मीटर की वजह से हुई है। इसका विरोध भी शुरू हो गया है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने मंगलवार को पावर कारपोरेशन के खिलाफ आयोग में अवमानना याचिका दाखिल की।

कनेक्शन की दरों में छह गुना तक बढ़ोतरी

परिषद के अनुसार, घरेलू, शहरी व ग्रामीण गरीब उपभोक्ताओं से स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लिए 6176 रुपए वसूल किए जाने की वजह से प्रदेश में कनेक्शन की दरों में पांच से छह गुना बढ़ोतरी हो गई है। वर्तमान में नए बिजली कनेक्शन पर नियामक आयोग की स्वीकृत दर और पावर कारपोरेशन की दर में जमीन-आसमान का अंतर है। वर्मा ने कहा सरकार ने जहां जीएसटी में छूट देकर प्रदेशवासियों को राहत दी है। वहीं पावर कारपोरेशन ने बगैर अनुमति के कनेक्शन की नई दरें तय कर दीं।

      भार                       आयोग की स्वीकृत दर    वर्तमान दर  

1 किलोवाट बीपीएल            1032  रुपये               6176 रुपये
1 किलोवाट ग्रामीण              1172  रुपये               6216 रुपये
1 किलोवाट शहरी                1620  रुपये              6464 रुपये
2 किलोवाट ग्रामीण               1323  रुपये              6266 रुपये
2 किलोवाट शहरी                 1970 रुपये               6514 रुपये 
5 किलोवाट                          7057 रुपये              13477 रुपये

पावर कारपोरेशन के खिलाफ कार्रवाई की मांग

परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने नियामक आयोग के चेयरमैन अरविंद कुमार और सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर पावर कारपोरेशन प्रबंधन के खिलाफ अवमानना वाद दायर किया। इसमें आरोप लगाया कि पावर कारपोरेशन ने कास्ट डाटा बुक और सप्लाई कोड-2005 का उल्लंघन किया है। विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 47(5) में पोस्टपेड और प्रीपेड मीटर कनेक्शन का चयन करने का विकल्प है। इसके बावजूद उपभोक्ताओं पर प्रीपेड मीटर की शर्त थोपी जा रही है। ऐसे में पावर कारपोरेशन के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। 

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