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आजम खान की रिहाई में फंसा पेंच Photograph: (Google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। समाजवादी पार्टी (सपा) नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां (Azam Khan) की रिहाई में नया पेंच फंस गया है। रामपुर के चर्चित क्वालिटी बार पर अवैध कब्जे के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी वह जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। पुलिस ने उनके खिलाफ शत्रु संपत्ति से जुड़े रिकार्ड खुर्द बुर्द करने के एक अन्य मामले में अग्रिम विवेचना के आधार पर तीन धाराएं बढ़ा दी हैं। इसमें एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल ने आजम खां को न्यायिक अभिरक्षा में लिए जाने और वारंट बनाए जाने के लिए 20 सितंबर को तलब किया है। आजम खां को इन तीन धाराओं में भी जमानत करानी होगी, तभी उनकी रिहाई हो सकेगी।
क्वालिटी बार मामले में जमानत मंजूर
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आजम खान की रामपुर के क्वालिटी बार मामले में जमानत मंजूर कर ली है। उनके खिलाफ दर्ज कुल 96 मामलों में से अब सभी में जमानत मिल चुकी है। यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन ने दिया है। आजम खां पर आरोप है कि उन्होंने रामपुर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में स्थित क्वालिटी बार की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया।
2019 में गगन अरोड़ा की शिकायत पर एफआईआर
13 मार्च 2014 को मंत्री रहते हुए, जिला सहकारी संघ लिमिटेड की 169 वर्ग गज जमीन अपनी पत्नी डॉ. तन्जीन फातिमा के नाम मात्र 1200 रुपये मासिक किराए पर आवंटित करा ली थी। बाद में उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान को भी सह-किराएदार बनाया गया था। 21 नवंबर 2019 को बार के मालिक गगन अरोड़ा की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई , जिसमें डॉ. तन्जीन फातिमा, अब्दुल्ला आजम और अन्य के साथ आजम खान को भी आरोपी बनाया गया था।
कोर्ट ने 21 अगस्त को फैसला रखा था सुरक्षित
रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 17 मई 2025 की आजम खान की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी, हाईकोर्ट में आजम खान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इमरान उल्लाह, मोहम्मद खालिद ने दलील दी कि राजनीतिक रंजिश के चलते एफआईआर दर्ज कराया गया है। सरकारी वकील ने उनके लंबे आपराधिक इतिहास और पद के दुरुपयोग का हवाला देते हुए जमानत का विरोध किया। सभी दलीलों को सुनने के बाद, कोर्ट ने 21 अगस्त 2025 को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
शत्रु संपत्ति के मुकदमे में बढ़ाई तीन धाराएं
आजम के खिलाफ दर्ज एक अन्य मुकदमे में पुलिस ने अग्रिम विवेचना के बाद तीन धाराएं बढ़ा दी हैं। यह मुकदमा शत्रु संपत्ति से संबंधित अभिलेख खुर्द बुर्द करने का है। कलक्ट्रेट स्थित रिकार्ड रूम के सहायक अभिलेखपाल मोहम्मद फरीद की ओर से सिविल लाइंस थाने में नौ मई 2020 को यह केस दर्ज कराया गया था। इस मुकदमे में कलक्ट्रेट के पूर्व कर्मचारी भगवंत को भी आरोपित बनाया था। आजम खां की इसमें जमानत हो चुकी है।
आरोपित कर्मचारी बन गया सरकारी गवाह
वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी राकेश कुमार मौर्य और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कुमार सक्सेना के अनुसार, आरोपित सेवानिवृत्त कर्मचारी भगवंत सरकारी गवाह बन गया है। उसके बयान को आधार बनाकर पुलिस ने मुकदमे की दोबारा जांच की। जिसके बाद आजम खां पर मुकदमे में तीन धाराएं 467, 471 और 201 बढ़ाई गई हैं। अब उन्हें इन तीन धाराओं में भी जमानत करानी होगी।
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