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वर्टिकल सिस्टम और निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन करते कर्मचारी Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 15 नवम्बर से लागू हो रही वर्टिकल व्यवस्था का भाजपा विधायक अमित अग्रवाल और सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेई भी विरोध कर रहे हैं। विधान सभा की प्राक्कलन समिति के अध्यक्ष अमित अग्रवाल इस मामले में पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन को फटकार लगा चुके हैं। इसके बाद भी यूपीपीसीएल प्रबंधन ममनानी से बाज नहीं आ रहा है।
वर्टिकल व्यवस्था पर जन प्रतिनिधियों का विरोध
विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने मेरठ से विधायक अमित अग्रवाल और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई से फोन पर वर्टिकल व्यवस्था को लेकर बात की। दुबे के मुताबिक, दोनों जन प्रतिनिधियों ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वर्टिकल व्यवस्था का प्रयोग गलत है। इसे वापस लिया जाना चाहिए। संयोजन ने कहा कि सांसद और विधायक के विरोध के बावजूद पावर कॉरपोरेशन वर्टिकल व्यवस्था लखनऊ में जबरदस्ती थोपने पर क्यों आमादा है?
बिजली व्यवस्था फ्रेंचाइजी को देने की तैयारी
उन्होंने आरोप लगाया कि पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के साथ ​वर्टिकल व्यवस्था लागू कर रहा है। इस व्यवस्था के तहत बड़े पैमाने पर पदों को समाप्त किए जा रहे हैं और लखनऊ, मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, सहारनपुर सहित कई अन्य शहरों की बिजली व्यवस्था फ्रेंचाइजी को देने की तैयारी चल रही है।
टोरेंट ने 2200 करोड़ राजस्व दबाया
दुबे ने कहा कि आगरा शहर की फ्रेंचाइजी टोरेंट पावर कंपनी को देने के साढ़े पंद्रह साल बाद भी 2200 करोड़ रुपये रुपये का राजस्व बकाया ऊर्जा विभाग को नहीं लौटाया। पॉवर कारपोरेशन ने बकाए वसूलने के लिए अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। न ही टोरेंट का फ्रेंचाइजी करार रद्द किया।
वर्टिकल व्यवस्था से पदों पर संकट
उन्होंने कहा कि निजीकरण की जल्दबाजी में पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन राजधानी की बिजली व्यवस्था पटरी से उतारने पर आमादा है। वर्टिकल व्यवस्था के नाम पर हर संवर्ग के पदों को समाप्त करने से बिजली व्यवस्था चरमराने की जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी। इंजीनियर और कर्मचारियों पर दोष मढ़ने और उन्हें दंडित करने के बजाय जिम्मेदार पद छोड़ देने के लिए तैयार रहें।
निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों का प्रदर्शन
संघर्ष समिति के आह्वान पर आज भी राजधानी लखनऊ के बिजली कर्मियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं ने शक्ति भवन मुख्यालय पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इसके अलावा, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद में प्रदर्शन किए गए।
vertical system | VKSSSUP | Electricity Privatisation
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