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प्रयागराज की बाढ़ में डूबी भाजपा की 'राहत' : Akhilesh Yadav ने कहा- बह गए विकास के दावे, लगाए गंभीर आरोप

प्रयागराज में बाढ़ से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है। घरों में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों ने अपनी गृहस्थी छतों पर शिफ्ट कर दी है। इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर राहत और बचाव कार्यों में लापरवाही का आरोप लगाते हुए निशाना साधा है।

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Deepak Yadav
akhilesh yadav

Akhilesh Yadav Photograph: (Social Media)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।यूपी के बीते कई दिनों से हो रही बारिश ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। संगम नगरी प्रयागराज की आधी आबादी बाढ़ की चपेट में है। यहां सलोरी, राजापुर, दारागंज, बघाड़ा इलाके बाढ़ में डूब गए हैं। गंगा नदी का जलस्तर के कारण शंकर घाट से सटे हुए मोहल्लों और सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है। लोग अपनी गृहस्थी छतों पर शिफ्ट कर चुके हैं और वहीं रहने को मजबूर हैं। इसके अलावा वाराणसी राज्य के लगभग 30 से ज्यादा जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। इस बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने संगम नगरी में बाढ़ में राहत और बचाव कार्यों में लापरवाही का आरोप लगाते हुए भाजपा सरकार को घेरा है। 

रैली कर सकती भाजपा, राहत क्यों नहीं?

अखिलेश यादव ने सोमवार को इंटरनेट मीडिया एक्स पर लंबा-चौड़ा पोस्ट कर लिखा कि उप्र की भाजपा सरकार जब बड़े-बड़े लोगों की ‘सुपर वीवीआईपी’ रैली या सभा का आयोजन कर सकती है तो बाढ़ में राहत-बचाव का काम क्यों नही कर रही है? भाजपा सरकार एक भ्रष्ट और नाकाम सरकार साबित हुई है। प्रयागराज ही नहीं पूरे उप्र में बाढ़ की वजह से भयावह स्थिति है।  ⁠भोजन और पीने के पानी की किल्लत चरम पर है। शौचालय की समस्या की वजह से लोग अशोभनीय-अमानवीय हालातों में रहने पर मजबूर हैं। बीमार बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को दवा-इलाज नहीं मिल पा रहा है। स्वास्थ्य-चिकित्सा सेवाएं ठप हैं। 

जहरीले कीड़ों से दहशत में लोग

सपा प्रमुख ने आगे लिखा कि चूहों और विषैले जीव-जंतुओं का डर लोगों को सोने नहीं दे रहा है। ⁠बिजली की समस्या और करंट का डर अलग से है। ⁠ऊपरी मंजिलों पर रहने पर मजबूर लोगों के बीच घर के धंसने का भी भय है। ⁠लोगों के घरों के सामान डूब गये हैं। लोगों के पास पहनने को कपड़े नहीं है। जो पहने हैं वो भी भीग गये हैं।⁠ मोबाइल चार्ज नहीं हो पा रहे हैं, जिससे लोगों के बीच संवाद नहीं हो पा रहा है। -बाढ़जन्य बीमारियों की आशंका से लोग ग्रसित हैं। कहा जाता है बाढ़ सिर्फ कीचड़, कचरा, मलबा और दुर्गंध ही नहीं बीमारी-महामारी को भी छोड़कर जाती है। जो लोग दैनिक कमाई पर जीवनयापन करते हैं वो काम पर नहीं जा पा रहे हैं।

⁠गरीब-मजदूर भुखमरी की कगार पर

⁠गरीब-मजदूर भुखमरी की कगार पर आ गये हैं। ⁠किसानों की खेती-ज़मीन पर पानी फिर गया है। ⁠दुकानों को अरबों रूपयों का नुकसान हो गया है। लोगों के पहचान पत्र, राशन कार्ड, जमीन-जायदाद के कागज़, बैंक की पास बुक, शैक्षिक प्रमाण पत्र, बीमारी के पर्चे व अन्य जरूरी कागजात ⁠या तो भीगकर बर्बाद हो गये हैं या फिर बह गये हैं। ⁠लोगों के गाड़ी-वाहन डूब गये हैं। नदी के किनारे, नाव के सहारे’ जीवन  जीनेवाले समाज के बीच जीविकोपार्जन का गहरा संकट आ गया है लेकिन उनकी दिक़्क़त सुनने-समझनेवाला भाजपा सरकार या उनके सहयोगी दलों में कोई भी नहीं है। 

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विकास और स्मार्ट सिटी के दावे खोखले

बच्चों की शिक्षा का हनन हो रहा है। ⁠जिन लोगों का निधन हो रहा है उनके अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहे हैं। इन हालातों में जनता बेहद आक्रोशित है, क्योंकि प्रशासन नदारद है और शासन आत्म प्रचार की आपसी होड़ में घूम-घूम के फोटो खिंचवाने में व्यस्त है। ऐसे में भाजपा सरकार से हमारी ये एक बड़ी मांग है कि उपरोक्त बिंदुओं के संबंध में सिलसिलेवार जवाब प्रकाशित करे। जनता भय और आशंका के माहौल में कब तक रहने पर मजबूर होगी। विकास और स्मार्ट सिटी के दावों के बीच विनाश की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं।

प्रधान से विधायक तक कमीशन का खेल

इसके अलावा अखिलेख यादव ने एक ओर पोस्ट में बारिश के दौरान महाकुंभ से पहले बनीं सड़कें धंसने पर भाजपा को आड़े हाथ लिया। उन्होंने लिखा कि महाकुंभ में प्रयागराज में हजारों करोड़ों की लागत से बनी सड़कों का हाल देखिए, भाजपाई भ्रष्टाचार का कमाल देखिए। दरअसल इस भाजपाई महाभ्रष्टाचार की बंदरबाट को समझने के लिए विशेष ‘भाजपाई करप्शन क्रोनोलॉजी’ (BCC) समझनी होगी। पहले महाकमीशन लेकर ‘प्रधान ठेका’ दिया जाता है। ⁠फिर बड़ा कमीशन लेकर ‘मुख्य ठेका’ दिया जाता है। ⁠फिर मोटा कमीशन लेकर ‘उप ठेका’ दिया जाता है। उसके बाद भाजपाई सांसद जी का कमीशन का खेला चलता है। ⁠उसके बाद विधायक जी का… इसीलिए भाजपा राज में सड़के धंस रही हैं, पुल गिर रहे हैं, छते टपक रही हैं, पानी की टंकियां धराशायी हो रही हैं।

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Akhilesh Yadav
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