Advertisment

स्टेट कैपिटल रीजन में बनेगा सेंट्रल म्यूजियम, एआई कराएगा पर्यटन स्थलों की सैर

author-image
Deepak Yadav
एडिट
lda

स्टेट कैपिटल रीजन में बनेगा सेन्ट्रल म्यूजियम Photograph: (LDA)


लखनऊ समेत छह शहरों की संवरेगी सूरत  

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।  लखनऊ समेत छह जनपदों को मिलाकर विकसित किये जा रहे उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन (यूपीएससीआर) में एक सेन्ट्रल म्यूजियम बनेगा। म्यूजियम में प्रदेश के सभी पर्यटक स्थलों के एआई जनरेटेड थ्रीडी विजुअल्स प्रदर्शित किये जाएंगे। साथ ही उनके इतिहास के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध करायी जाएगी। यह पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा। 

लखनऊ विकास प्राधिकरण के पारिजात सभागार में एससीआर के रीजनल प्लान के सर्वे रिपोर्ट पेश की गई।  इस मौके पर विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा, सांसद प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी एवं राघवेंद्र शुक्ला, एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार, मुख्य नगर नियोजक केके गौतम व मुख्य अभियंता नवनीत शर्मा समेत अन्य अधिकारी, अभियंता व कंसल्टेंट उपस्थित रहे।

 सलाहकार कंपनी एक साल में तैयार करेगी रीजनल प्लान

एलडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि यूपीएससीआर के लिए जीआईएस आधारित क्षेत्रीय महायोजना तैयार करने के लिए कंसल्टेंट के रूप में एईकॉम इंडिया और एजीस इंडिया कन्सल्टिंग इंजीनियर्स के कंसोर्टियम का चयन किया गया है। कंसल्टेंट कंपनी एक वर्ष में रीजनल प्लान तैयार करेगी। इसके बाद अगले पांच वर्ष में रीजनल प्लान के मुताबिक परियोजनाओं का चयन करते हुए उनका डीपीआर तैयार करेगी। साथ ही स्थल पर परियोजनाओं को क्रियान्वित कराने का काम कराएगी। 

26 हजार वर्ग किलोमीटर में होगा एससीआर

एससीआर में लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, बाराबंकी और रायबरेली जनपद शामिल हैं। इसका क्षेत्रफल लगभग 26 हजार वर्ग किलोमीटर है। कंसल्टेंट द्वारा सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि अन्य जनपदों की तुलना में लखनऊ अधिक विकसित है। आसपास के जनपदों से रोजाना हजारों लोग व्यवसाय, नौकरी, स्वास्थ्य, शिक्षा समेत विभिन्न कारणों से लखनऊ आते हैं। एससीआर के क्रम में आसपास के जनपदों में भी समानांतर रूप से विकास किया जाएगा। इससे निवेश बढ़ेगा, रोजगार व व्यवसाय के अवसर सृजित होंगे। गांवों तक शहरी सुविधाएं पहुंचेंगी और लोगों को उनके क्षेत्र में ही निवास, व्यापार व नौकरी आदि के लिए बेहतर माहौल मिलेगा। साथ ही जनपदों के बीच हाई स्पीड कनेक्टिविटी का प्रावधान करने से माइग्रेशन में कमी आएगी। 

Advertisment

बाराबंकी उन्नाव का भी शहरीकरण जरुरी

सांसद प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने कहा कि लखनऊ का विकास शहरीकरण की वजह से हुआ। इसी तरह बाराबंकी व उन्नाव आदि जनपदों में भी शहरीकरण के लिए विस्तृत प्लान तैयार कराने की जरूरत है। इसमें जनपदों में पेयजल एवं विद्युत की कितनी खपत है। आबादी के अनुपात में स्वास्थ्य, शिक्षा समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं का क्या दायरा है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना बनानी होगी।  

सीतापुर व हरदोई रोड पर कृषि आधारित उद्योग का हब बनेगा 

सांसद प्रतिनिधि ने कहा कि वर्तमान में लगभग 16 करोड़ टूरिस्ट अयोध्या आ रहे हैं। इन्हें लखनऊ व एससीआर के अन्य जनपदों से कैसे कनेक्ट किया जाए, उसके लिए भी विस्तृत प्लान तैयार किया जाए। इसके अलावा सीतापुर व हरदोई रोड पर कृषि आधारित उद्योगों का हब विकसित करने के लिए रूपरेखा तैयार की जाए। 

रोजगार के अवसर सृजित होंगे 

एलडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, बाराबंकी और रायबरेली में आधारभूत सुविधाओं को उच्चीकृत करने पर काम किया जा रहा है। इस क्रम में जनपदों के बीच हाई स्पीड रेल एवं रोड कनेक्टिविटी का प्रावधान किया जा रहा है। आवागमन तेज और सुगम होने से औद्योगिक व व्यावसायिक विकास को बल मिलेगा। इससे बड़ी तादाद में रोजगार के अवसर सृजित होंगे और प्रदेश का आर्थिक विकास होगा।

Advertisment

यह भी पढ़ें- Power Cut : गोमतीनगर, जानकीपुरम समेत इन इलाकों में आज गुल रहेगी बिजली

यह भी पढ़ें- UP Politics : अखिलेश-आजम की मुलाकात पर स्वामी प्रसाद मौर्य का तंज, कह दी ये बड़ी

यह भी पढ़ें- विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस : शराब से ज्यादा घातक मोबाइल, मनोरोग विशेषज्ञ बोले- रील्स की लत युवाओं को बना रही मानसिक रोगी

Advertisment

यह भी पढ़ें- बसपा की ताकत देखकर उड़ी विरोधियों की नींद : मायावती बोलीं- विपक्ष की बेतुकी बयानबाजी पर चुप रहना ही बेहतर

LDA
Advertisment
Advertisment