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यादव और मुस्लिम को टारगेट करने पर भड़के चंद्रशेखर रावण Photograph: (google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। पंचायती राज निदेशालय की ओर जाति विशेष (यादव) व धर्म विशेष (मुस्लिम) के ही अवैध कब्जे हटाने संबंधी विवादास्पद आदेश को भले ही सीएम योगी ने निरस्त कर संयुक्त निदेशक को निलंबित दिया है। लेकिन इस प्रकरण ने विपक्ष को सत्ता पक्षा पर जातीय और सांप्रदायिक एजेंडा चलाने का मुद्दा थमा दिया है।
पंचायती राज विभाग का आदेश संवैधानिक
नगीना सांसद और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद रावण ने इस मामले को लेकर योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने मंगलवार को इंटरनेट मीडिया एक्स पर लिखा कि ‘यादव’ और ‘मुस्लिम’ समुदाय को नाम लिखकर टारगेट करते हुए जमीन कब्जा हटाने का योगी आदित्यनाथ के पंचायती राज विभाग के अधिकारियों का यह आदेश न सिर्फ गैर संवैधानिक है, बल्कि घोर जातिवादी और सांप्रदायिकता से भरा हुआ है।
राजनीति से प्रेरित यह आदेश
उन्होंने आगे लिखा कि पूरी तरह राजनीति से प्रेरित यह आदेश संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 पर सीधा प्रहार करता है। साथ ही, यह कर्मचारी आचरण सेवा नियमावली के तहत अनुशासनहीनता है, जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा है कि अधिकारी जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में सरकार की नियत साफ है, तो दोषी अफसरों पर सिर्फ निलंबन ही नहीं, बल्कि एफआईआर दर्ज कर सेवा से बर्खास्तगी की कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
ये है पूरा मामला
पंचायती राज के संयुक्त निदेशक (जेडी) एसएन सिंह ने 29 जुलाई को श्मशान भूमि, ग्राम पंचायत भवनों पर किए गए कब्जों को हटाने के लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए थे। लखनऊ निवासी भाजपा से जुड़े किसान नेता विवेक कुमार श्रीवास्तव द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गए शिकायती पत्र के हवाले से जारी निर्देश पर बलिया के जिला पंचायतराज अधिकारी अवनीश कुमार श्रीवास्तव ने भी दो अगस्त को सभी खंड विकास अधिकारियों (को आदेश जारी कर दिया। जाति व धर्म विशेष के ही अवैध कब्जे हटाने के अभियान संबंधी पत्र के इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने के बाद खलबली मच गई।
जाति-धर्म के आधार पर नहीं होगी कार्रवाई
इस भेदभावपूर्ण आदेश पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त नाराजगी के बाद आदेश जारी करने वाले संयुक्त निदेशक एसएन सिंह को सोमवार रात निलंबित भी कर दिया गया। योगी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि किसी भी तरह के अवैध कब्जों को हटाने की कार्रवाई जाति-धर्म के आधार पर कतई नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस इस प्रकार की भाषा और सोच समाज में विभाजन पैदा करने वाली है, जिसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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