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डांट से उग्र हो रहे बच्चे Photograph: (Google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। बच्चे छोटी-छोटी बात पर डांट से उग्र हो रहे हैं। अपना या दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए आतुर हैं। उनके व्यवहार में हो रहे इस बदलाव पर मनोवैज्ञानिक डा. नेहाश्री श्रीवास्तव का कहना है अधिकांश माता-पिता बच्चों की भलाई के लिए ही डांटते हैं। उन्होंने बच्चों और उनके अभिभावकों दोनों के लिए कुछ टिप्स भी दिया है।
आत्म-विश्वास में कमी
डा. नेहाश्री के मुताबिक, जब बच्चों को बार-बार डांटा जाता है, तो इससे उनके आत्म-विश्वास पर असर पड़ता है। वे सोचने लगते हैं कि वे हमेशा गलत हैं, जिससे उनमें खुद के प्रति विश्वास की कमी आती है। इसलिए, जरूरी है कि कि माता-पिता उन्हें प्रोत्साहित करें। बच्चे भी हर चीज जल्दी पाने की कोशिश मत करें।
इन बातों का रखें ध्यान
- बच्चों को अपने अंदर धैर्य रखना चाहिए।
- अपने माता-पिता, शिक्षक की बात सुनने की आदत डालें।
- माता- पिता या शिक्षक जो बताते हैं उसे मानें।
- शार्टकट से कुछ भी हासिल करने की प्रवृत्ति को छोड़ें।
- अपनी भावनाओं को माता-पिता, भाई-बहन या मित्र से जरूर साझा करें।
माता-पिता बच्चे को दें समय
- भागदौड़ की जिंदगी में माता-पिता के पास समय नहीं रह गया है।
- माता-पिता अगर दोनों नौकरीपेशा है तो ऐसी स्थिति में बच्चे पर ध्यान रखना और भी जरूरी है। केवल ड्राइवर, नौकर या ट्यूशन के टीचर के भरोसे अपने बच्चे को मत छोड़ें।
- मोबाइल और इंटरनेट की दुनिया से बाहर निकलते हुए बच्चे के लिए समय निकालें।
- बच्चे की क्षमता या पढ़ाई को लेकर दूसरे से तुलना मत करें। संवाद बढ़ाए भावनात्मक रूप से जुड़ें।
- अनावश्यक बात पर ताने मारने या डांटने से बचें। डांटने का तरीका समझाने वाला होना चाहिए।
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