Advertisment

फोन चलाने से रोका तो बेटी ने मां का मुंह नोचा, मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से आक्रमक हो रहीं किशोरियां

सूचना और मनोरंजन का आसान जरिया माना जाने वाला स्मार्टफोन अब परिवारों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। घंटों फोन में खोई रहने वाली किशोरियों का स्वभाव आक्रामक हो रहा है।

author-image
Deepak Yadav
smartphone

मोबाइल से ज्यादा इस्तेमाल से आक्रमक हो रही किशोरियां Photograph: (Google)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। सूचना और मनोरंजन का आसान जरिया माना जाने वाला स्मार्टफोन अब परिवारों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। घंटों फोन में खोई रहने वाली किशोरियों का स्वभाव आक्रामक हो रहा है। इससे परेशान अभिभावक समाधान की तलाश में राज्य महिला आयोग की जनसुनवाई में परामर्श के लिए पहुंच रहे हैं।

फोन चलाने से रोका तो बेटी ने मां का मुंह नोचा 

मीनाक्षी ने बताया कि हाल ही में एक महिला अपनी नाबालिग बेटी को लेकर आयोग पहुंचीं। महिला की आंखें नम थीं। बताया कि जब उन्होंने बेटी को फोन चलाने से रोका तो उसने गुस्सा में आकर नाखून से उनका मुंह नोच लिया। चेहरा लहूलुहान होने पर मां रोती रही और बेटी सामने बैठी हंसती रही। किशोरी ने कहा कि यह उसकी जिंदगी है, वह जैसा चाहे, वैसे जिएगी, यह कोई और तय नहीं करेगा। महिला के चेहरे पर खरोच के जख्म अब भी बने थे। जो उसकी पीड़ा की गवाही दे रहे थे।

अभिभावकों पर केस की धमकी 

आयोग पहुंची पत्रकारपुरम निवासी एक महिला ने बताया कि उसकी बेटी पूरे दिन स्मार्टफोन की स्क्रीन पर ही बीतता है। जब उसे ऐसा करने से मना किया और डांट दिया तो वह चीखने-चिल्लाने लगी। यहां तक कह दिया कि वह अभिभावक के खिलाफ उत्पीड़न का केस कर देगी। अगर उसकी कोई मांग पूरी नहीं होती है, तो वह मां-बाप दोनों के लिए अभद्रता करती है। आए दिन खुद को नुकसान पहुंचाने की धमकी देती रहती है।

फोन की लत से गुस्सैल ओर जिद्दी हो रहे बच्चे

बलरामपुर अस्तपताल के चिकित्सा अधीक्षक और मनोरोग विशेषज्ञ डॉ देवाशीष शुक्ला बताते हैं कि बच्चों में आक्रामकता के मामले तेजी से बढ़े हैं। जब बच्चे मोबाइल पर ज्यादा निर्भर हो जाते हैं तो उनकी मांगें बढ़ जाती हैं। जब ये पूरी नहीं होती हैं तो वे चिड़चिड़े और झगड़ालू हो जाते हैं। डॉ. शुक्ला का कहना है कि अगर अभिभावक थोड़ी समझदारी और अनुशासन अपनाएं तो बिना मनोवैज्ञानिक सहायता के भी बच्चों की फोन की लत को छुड़ाया जा सकता है।

Advertisment

घर पर ऐसे छुड़ाएं बच्चों की फोन की लत

  • अभिभावक खुद बच्चों के सामने फोन का अधिक उपयोग न करें।
  • सोने से पहले और बिस्तर पर फोन इस्तेमाल करने से रोकें। सुबह उठने के दो घंटे बाद ही फोन दें।
  • फोन उपयोग का निर्धारित समय तय करें। 
  • परिवार के साथ सकारात्मक बातचीत और समय बिताने की आदत बढ़ाएं।
  • बच्चों द्वारा देखे जा रहे कंटेंट पर नजर रखें। 

यह भी पढ़ें- Special Story : जुकाम-खांसी को हल्के में न लें, बन सकता है निमोनियां, डॉक्टर बोले-सेल्फ मेडिकेशन बच्चों के लिए

यह भी पढ़ें- मानवता की मिसाल : बलरामपुर अस्पताल में अनाथ गरीब मरीज का हुआ नि:शुल्क ऑपरेशन

Advertisment

यह भी पढ़ें- Health News : रक्त विकार सबसे बड़ी बीमारी, लखनऊ में मंथन करेंगे 1200 डॉक्टर

यह भी पढ़ें यूपी हेल्थ डैशबोर्ड रैंकिंग जारी : टीकाकरण और HIV जांच में लखनऊ अव्वल, प्रदेश में चौथा स्थान

Health News
Advertisment
Advertisment