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पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य और उनके पति आलोक मौर्य Photograph: (google)
लखनऊ वाईबीएन संवाददाता।पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य और उनके पति आलोक मौर्य के बीच चल रहा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। आलोक की ओर से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में गुजारा भत्ता दिलवाने की याचिका दाखिल किए जाने के बाद अदालत ने ज्योति मौर्य को नोटिस भेजकर उनसे जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई आठ अगस्त को होगी इस बीच पति-पत्नी के इस विवाद को लेकर इंटरनेट मीडिया 'एक्स' पर जोरदार बहस छिड़ गई है। कुछ लोग पीसीएस अधिकारी के पक्ष में खड़े नजर आ रह हैं। तो कई यूजर्स उनके पति आलोक मौर्य के समर्थन में अपनी राय रख रहे हैं।
आइये जानते हैं किसने क्या कहा?
शिवानी साहू ने एक्स पर लिखा- 'ज्योति मौर्या अधिकारी है इसलिए इनके पति को इनसे मासिक भत्ता चाहिए, उनका खर्च नहीं चल पा रहा। जबकि ज्योति अपने दोनों बच्चों का खर्च, स्कूलिंग खुद ही देख रही हैं। एक सवाल यहां यह भी है कि क्या सफाई कर्मी की सैलरी इतनी कम होती है कि वह अपने अकेले का खर्च नहीं वहन कर सकता?'
श्याम मीरा सिंह ने कहा, 'वैसे तो गुजारे भत्ते को लेकर कोई स्पष्ट नियम नहीं है। लेकिन गुजारे भत्ते का बहुत हद तक संबंध- 'जीवन शैली' के स्तर से जुड़ा हुआ है। सवाल ये होना चाहिए कि क्या एसडीएम पत्नी जो जीवन शैली जी रही हैं क्या वही जीवन एक सफाई कर्मी पति तलाक के बाद जी रहा है?'
अकबर ने लिखा कि 'इस फैसले के ऊपर ज्यादातर पुरुष निर्भर रहेंगे कि पत्नियों को शादी के बाद आगे पढ़ाएगा की नहीं।'... प्रियांशी मिश्रा ने लिखती है- 'खर्च नहीं चल रहा तो काम कर। इनके मां बाप का खर्चा भी ज्योति उठाएगी क्या?' नताशा यादव ने लिखा— 'ज्योति मौर्य के पति लालची हो चुके हैं। जब बच्चों को ज्योति मौर्य पाल रही है, तो किस बात का पैसा चाहिए इनको?'
कुमार रमेश लिखते हैं कि ज्योति के पति की सैलरी दोस्तों के साथ शराब पार्टी में खर्च हो जाती होगी। प्रतापगढ के सफाई कर्मी दोस्तों के उकसावे में आकर मासिक भत्ता का मुकद्दमा किया होगा।
राज राम के यूजर ने लिखा कि कमाई तो उनकी भी कम नहीं होती जो लाखों कमाने के बाद और कई बार पति से ज्यादा सैलरी होने पर भी पति से भत्ता लेती हैं। पीसीएस अधिकारी और सफाई कर्मी की सैलरी में कम से कम 35 हजार रुपये काफर्क होगा। पति की मेहनत और त्याग से एसडीएम बनी हैं, उसका भी हक है इनकी कमाई पर।
एडवोकेट आर एस आनंद ने लिखा कि फेक फेमिनिस्म एक दिन महिलाओं से वो सारे कानून छिनने पर मजबूर कर देगा जिनके दुरुपयोग से ये पुरुषों का जीवन बर्बाद कर रही हैं। बराबरी सिर्फ हक अधिकारों की चाहिए या जिम्मेदारी निभाने की भी बराबरी करो या जहां फायदा होगा वहां हक याद आ जाते है और जहां कुछ करना पड़े वहां महिला-महिला बोलकर रोना शुरू कर देती हैं।
बता दें कि ज्योति और आलोक का विवाद पहले भी चर्चाओं में रहा है। यह मामला उस वक्त सुर्खियों में आया जब पति आलोक मौर्य ने पत्नी पर कथित धोखा देने और रिश्ता खत्म करने के आरोप लागए थे। अब यह विवाद कानूनी रूप से गुजारा भत्ता को लेकर एक बार फिर अदालत की दहजीज पर पहुंच गया है।
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