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रमाकांत का बड़ा बेटा हर्ष Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के लारी कार्डियोलॉजी विभाग में हार्ट अटैक के मरीज के परिवार को डॉक्टरों से रवैये से बेहद परेशान झेलनी पड़ी। पिता के इलाज में लापरवाही पर वीडियो बनाकर बेटे का डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से मदद की गुहार लगाना डॉक्टरों को नागवार गुजरा। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि डिप्टी सीएम के निर्देश पर डॉक्टरों ने खानापूर्ति के लिए इलाज शुरू किया, लेकिन चंद घंटे में वह बदले के रूप में तब्दील हो गया। पहले दबाव बनाकर वीडियो डिलीट करावाया, उसके बाद परेशान करने लिए मरीज को एक से दूसरे वार्ड में भेजने लगे। इसके बाद किडनी की समस्या बताकर रेफर करने की तैयारी शुरू कर दी। डॉक्टरों से भरोसा उठने पर पीड़ित परिवार मरीज को निजी अस्पताल में ले जाने को मजबूर हो गया।
लखनऊ के बीकेटी थाना क्षेत्र के छठा मील के पास रहने वाले रमाकांत मिश्रा को शुक्रवार देर रात तीसरी बार हार्ट अटैक पड़ने पर केजीएमयू के लारी लगाया गया। डॉक्टर करीब एक घंटे तक मरीज के पास नहीं गए। बेटे अंकित मिश्रा ने पिता के इलाज में लपरवाही की शिकायत ड्यूटी पर मौजदू डॉ गौरव से की तो वह भड़क गए। अंकित का आरोप है कि डॉक्टर ने अभ्रदता करते हुए उन्हें भगा दिया। पिता को तड़पता देख अंकित ने रोते हुए वहीं से एक वीडियो बनाकर डॉक्टरों की करतूत बताते हुए डिप्टी सीएम से मदद मांगी।
वायरल वीडियो को गंभीरता से लेते हुए डिप्टी सीएम ने तत्काल लारी प्रशासन से संपर्क कर मरीज के समुचित उपचार के निर्देश दिए। पीड़ित का कहना है कि डिप्टी सीएम के निर्देश के बाद उनके पिता का इलाज शुरू तो हुआ लेकिन चंद घंटे में डॉक्टरों का रवैया पूरी तरह बदल गया। परिवार के मुता​बिक, लारी के डॉक्टर और कर्मचारियों ने उन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। अब हालात ऐसे हैं कि परिवार मरीज को लारी में सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है।
मरीज रामाकांत के बड़े बेटे हर्ष मिश्रा ने आरोप लगाया कि उनके पिता का सही से इलाज करने के बजाय डॉक्टर और स्टाफ ने धमकाना शुरू कर दिया। मामला तब और बिगड़ गया, जब मरीज के छोटे बेटे अंकित मिश्रा ने इलाज में हो रही लापरवाही का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। वीडिया सामने आने के बाद डिप्टी सीएम ने तुरंत इलाज के निर्देश दिए, लेकिन कुछ ही घंटों बाद अस्पताल स्टाफ ने नाराज होकर मरीज को आईसीयू से बाहर निकाल दिया।
हर्ष का कहना है कि देर रात पीआरओ ने उन्हें बुलाकर सोशल मीडिया से वीडियो डिलीट करवा दिया। इस वजह से अब परिवार के पास कोई सबूत नहीं बचा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शनिवार सुबह जब पिता को दोबारा दिक्कत हुई तो डॉक्टरों ने इलाज करने की बजाय यह कहकर रेफर करने की सलाह दी कि अब उन्हें किडनी की समस्या है।
हर्ष के अनुसार, आईसीयू में उनके पिता को बिना ऑक्सीजन के रखा गया। सभी मशीनें बंद कर इलाज रोक दिया गया। ऐसे में परिवार को मजबूरन फैसला करना पड़ा कि अब रमाकांत को निजी अस्पताल में भर्ती कराएंगे। वहीं लारी के पीआरओ कुश प्रकाश ने पूरे मामले से अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि उन्हें इस प्रकरण की कोई जानकारी नहीं है। जानकारी सीनियर डॉक्टर से प्राप्त की जा सकती है।
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