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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश में पिछले आठ साल में सरकार ने समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। 2017 से पहले लोकहित की योजनाएं असली पात्र तक पहुंचने से पहले ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती थीं। योजनाओं का लाभ दिलाने में जाति-मत और मजहब को आधार बनाया जाता था। 2017 के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रदेश की बागडोर संभालते ही योजनाएं पटरी पर आईं हैं। इससे लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आए हैं। वृद्धावस्था पेंशन से लेकर सामूहिक विवाह और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग तक जन कल्याणकारी सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में तकनीकि समावेशिता ने इसका दायरा कई गुना बढ़ा है।
वृद्धावस्था पेंशन के लाभार्थी 80 प्रतिशत बढ़े
2017 के पहले प्रदेश के बुजुर्गों को 300 रुपये मासिक पेंशन मिल रही थी। योगी सरकार ने पेंशन राशि को बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह किया। जो वृद्धजनों के लिए आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करती है। 2017 के पहले वृद्धावस्था, किसान पेंशन योजना के 37.47 लाख लाभार्थी थे। आठ वर्ष में बढ़कर 67.50 लाख हो गए हैं। यह करीब 80 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
8.72 लाख परिवारों को राष्ट्रीय परिवारिक योजना का लाभ
राष्ट्रीय परिवारिक लाभ योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों, जिनके मुखिया (18-59 वर्ष) की मृत्यु हो जाती है, उन्हें योगी सरकार की ओर से 30,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। 2017 के पहले मात्र 86 हजार परिवार इससे लाभान्वित हुए, जबकि 2024-25 में लाभार्थियों की संख्या बढ़ी और 8,72,896 परिवारों को योजना का लाभ मिला। योगी सरकार द्वारा लाभ देने के प्रक्रिया में ऑनलाइन प्रणाली ने इस योजना को पारदर्शी और समयबद्ध बनाया, जिससे लाखों परिवार आज इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। यही नहीं वंचितों को वरीयता का मूलमंत्र को आधार बनाकर योगी सरकार ने बीते आठ वर्षों में 6 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने में महत्वपूर्ण कार्य किया है।
1.70 करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति
योगी सरकार द्वारा छात्रवृत्ति योजनाओं का पूर्ण कम्प्यूटरीकरण कर आधार-आधारित ई-पेमेंट सिस्टम लागू किया गया। पूर्वदशम (कक्षा 1-8) और दशमोत्तर (कक्षा 9-12) में अनुसूचित जाति (SC) और सामान्य वर्ग के छात्रों को इसका भरपूर लाभ मिला। 2017 के पहले SC के कुल 41.68 लाख (पूर्वदशम) और 12.80 लाख (दशमोत्तर) छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई, जबकि सामान्य वर्ग में 2017-18 के 7.77 लाख (पूर्वदशम) और 5.71 लाख (दशमोत्तर) को छात्रवृत्ति दी गई। वहीं योगी सरकार के आठ वर्षों में 1.70 करोड़ से अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिल चुका है। योगी सरकार ने छात्रवृत्ति वितरण में आधार बेस्ड भुगतान प्रणाली की व्यवस्था लागू कर इसमें पारदर्शिता व समयबद्धता सुनिश्चित की।
पीड़ितों को समय पर मिल रही आर्थिक सहायता
अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत पीड़ित परिवारों को ₹85,000 से 8,25,000 ₹ तक की सहायता दी जाती है। 2017 के पहले 16,507 दलित परिवारों पर अत्याचार की शिकायत के बाद सहायता प्रदान की गई। वहीं योगी सरकार की सुदृढ़ कानून व्यवस्था और बेरतर शासन की बदौलत दलितों पर होने वाले अत्याचार में भारी गिरावट दर्ज आई। योगी सरकार ने सामाजिक न्याय को मजबूती प्रदान की और 2024-25 में पीड़ितों का आंकड़ा गिरकर 13,436 परिवारों तक पहुंच गया है।
सामूहिक विवाह योजना ने गरीब बेटियों का बसाया घर
यूपी में सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गरीब बेटियों की शादी में आने वाले आर्थिक व्यवधान को दूर करने को प्राथमिकता दी। यह योजना अपने लागू होने के साथ ही गरीब बेटियों के उत्थान की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है। अबतक मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत 4,76,207 जोड़ों का सामूहित विवाह संपन्न हो चुका है। योगी सरकार ने लाभार्थियों के लिए योजना को और सुलभ और आसन कर जरूरतमंद परिवारों के लिए विवाह को सुलभ बनाया है।
सर्वोदय विद्यालय में 2.65 लाख छात्रों को फ्री शिक्षा
योगी सरकार जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों में 60% अनुसूचित जाति/जनजाति, 25% पिछड़ा वर्ग और 15% सामान्य वर्ग के छात्रों को मुफ्त शिक्षा, आवास, यूनिफॉर्म और किताबें उपलब्ध करा रही है। इस योजना से जहां 2017 के पहले 31,484 छात्रों को लाभ मिला, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 32,538 रहा। इन आठ वर्ष में सीएम योगी के निर्देश पर इसे प्रभावशाली बनाते हुए कुल 2,65,666 छात्र-छात्राओं को लाभांवित किया गया है। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित 100 विद्यालयों में से 41 विद्यालय CBSE बोर्ड के हैं, बाकि 59 माध्यमिक शिक्षा परिषद से संबद्ध हैं। योगी सरकार 45 विद्यालयों में ट्रांजिट हॉस्टल का निर्माण कर शिक्षा को और उच्चीकृत किया है। प्रदेश में 20 नए विद्यालयों का कार्य प्रगति पर है।
अभ्यर्थियों को मुफ्त कोचिंग
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत गरीब मेधावी छात्रों को IAS, PCS, JEE, NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग की व्यवस्था प्रदान की जा रही है। 2020-21 में 5,128 छात्रों से शुरू होकर 2024-25 में 23,017 छात्र इस योजना से लाभान्वित हुए हैं। इसमें अबतक कुल 76,059 छात्रों को लाभांवित किया जा चुका है। इस योजना के माध्यम से UPSC में 60, UPPCS में 300+, BPSC में 50+, JEE में 35, NEET में 100 और पुलिस भर्ती में 100+ समेत कई प्रतियोगी परीक्षाओं में 800 से अधिक अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल कर इतिहास रचा है।
दलितों-वंचितों के लिए मूलभूत सुविधाओं में हुआ विस्तार
पीएम-जनमन के अंतर्गत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) को शिक्षा, स्वास्थ्य, विद्युत, पक्के मकान, सड़के, पेयजल, दूरसंचार, सोलर लाईट आदि मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। प्रदेश की बुक्सा जनजाति के सभी 815 परिवारों को योजना से लाभ देकर उनकी सामाजिक सुरक्षा और विकास सुनिश्चित किया है। साथ ही 42 वनग्राम को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित कर उनका विकास किया गया है। उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं वित्त विकास निगम लिमटेड के माध्यम से अब तक 1.08 लाख दलित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा है। साथ ही उनकी उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 955.49 करोड़ रुपये स्वीकृत कर करीब 1.20 लाख दलितों को ऋण सहायता देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया है। इनमें अधिकांश लाभार्थियों को 50 प्रतिशत अनुदान के साथ लोन मिला है। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत 1,951 दलित बहुल गांवों में 93,400 विकास कार्य कराए गए हैं। सोलर लाइट, शौचालय, पेयजल, सड़क और सार्वजनिक सुविधाओं के निर्माण से इन गांवों की तस्वीर बदली है। इनमें रहने वाले करीब 19 लाख वंचितों को इसका लाभ मिला।
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