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निजीकरण के प्रचार से भड़के बिजली कर्मचारी, शनिवार को प्रदेश भर में करेंगे प्रदर्शन

निजीकरण को लेकर जारी किए गए विज्ञापन के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पांच जुलाई को प्रांतव्यापी विरोध दिवस मनाने का एलान किया है।

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Deepak Yadav
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निजीकरण पर जारी सरकारी विज्ञापन से भड़के बिजली कर्मचारी Photograph: (YBN)

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लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण से उपभोक्ताओं को मिलने वाले लाभ का विज्ञापन प्रकाशित होने से बिजली कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार की ओर से विज्ञापन में किए गए दावे झूठे और भ्रामक हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली निजीकरण (Electricity Privatisation) से सिर्फ औद्योगिक समूहों को फायदा होगा। जबकि उपभोक्ताओं की बिजली दरों में बढ़ोत्तरी और कर्मियों की नौकरी पर खतरा बना रहेगा। विज्ञापन के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पांच जुलाई को प्रांतव्यापी विरोध दिवस मनाने का एलान किया है।

सरकार का विज्ञापन में विरोधाभास 

समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि विज्ञापन में एक ओर वर्ष 2012 से 2017 के दौरान बिजली के सुधार कार्यक्रम का जिक्र है। दूसरी ओर 2017 से अभी तक बिजली व्यवस्था में हुए तमाम अहम सुधार गिनाए गए हैं। इसमें बिजली कंपनियों के निजीकरण के बाद उपभोक्ताओं को मिलने वाले विशेष लाभ भी बताए गए हैं। उन्होंने कहा कि 'अब हर घर रोशन-उतर प्रदेश' के शीर्षक से प्रदेश सरकार की ओर से जारी विज्ञापन तमाम अंतर्विरोधों से भरा हुआ है। 

जेल जाने वाले बिजली कर्मचारियों की सूची तैयार

समिति के संयोजन शैलेन्द्र दुबे ने कहा विज्ञापन के विरोध में बिजली कर्मचारी पांच जुलाई को सभी जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसमें घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों को भी बुलाया जाएगा। जिससे उन्हें निजीकरण के बाद की वास्तविकता से अवगत कराया जा सके। उन्होंने बताया कि सभी जनपदों और परियोजनाओं पर हुई विरोध सभाओं में आज निजीकरण के विरोध में स्वेच्छा से जेल जाने वाले बिजली कर्मचारियों की सूची तैयार की गई है। शनिवार तक इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।

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