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सोने जैसी बिजली कंपनियां पीतल के भाव बेच रही सरकार- उपभोक्ता परिषद

ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के इस पोस्ट के बाद राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने सरकार से बिजली कंपनियों के निजीकरण का फैसला वापस लेने की मांग की है।

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Deepak Yadav
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उपभोक्ता परिषद ने उठाई निजीकरण वापस लेने की मांग Photograph: (Google)

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 ऊर्जा मंत्री ने जारी किए आंकड़े, परिषद ने उठाई निजीकरण वापस लेने की मांग

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने शनिवार को राज्य के बिजली क्षेत्र को देश में अव्वल बताते हुए कई आंकड़े जारी किए। इसमें जून में 31,486 मेगावाट आपूर्ति का नया रिकार्ड, आरडीएसएस योजना के तहत 16 हजार करोड़ से बिजली के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और प्रदेश की ट्रांसमिशन कंपनी को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने का जिक्र है। 

निजीकरण का फैसला वापस लेने की मांग

ऊर्जा मंत्री के इस पोस्ट के बाद राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने सरकार से बिजली कंपनियों के निजीकरण का फैसला वापस लेने की मांग की है। का कहना है कि ऊर्जा क्षेत्र देश में नंबर वन है, तो उसे निजी घरानों को क्यों बेचा जा रहा है। इससे साफ है कि औद्यो​गिक समूहों के फायदे के लिए निजीकरण किया जा रहा है।

सोने को पीतल के भाव में बेचने जैसा

परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र का निजीकरण सोने को पीतल के भाव में बेचने जैसा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही 44 हजार करोड़ रुपये की सहायता देकर यूपी के ऊर्जा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मदद कर रही है। ऐसे में पूर्वांचल और दक्षिाणांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण करना जनता के साथ धोखा है।

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कर्मचारियों के उत्पीड़न पर जताई आपत्ति

वर्मा ने आरोप लगाया कि पिछले दो सालों से अभियंताओं और संविदा कार्मिकों का उत्पीड़न किया जा रहा है।​ ऐसे में बड़ी संख्या में अभियंताओं को वीआरएस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इसके बावजूद यूपी की बिजली कंपनियां अव्वल बनी हुई हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार अब पावर कारपोरेशन को निर्देश दे कि किसी भी कर्मचारी का उत्पीड़न नहीं होना चाहिए।

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