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नियामक आयोग की राय के बना निजीकरण कर टेंडर जारी करने तैयारी Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। पावर कारपोरेशन बिजली कंपनियों के निजीकरण (Electricity Privatisation) का टेंडर जारी करने की तैयारी में है। इसकी जानकारी मिलते ही राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने सोमवार को नियामक आयोग में लोक महत्व का प्रस्ताव दाखिल किया। परिषद ने आरोप लगाया कि टेंडर पोर्टल में बदलाव के लिए पावर कारपोरेशन ने नेशनल इनफॉर्मेटिव सेंटर (एनआईसी) के साथ गोपनीय वर्चुअल मीटिंग की है। अब वह आयोग की सलाह के बना टेंडर निकलने की कोशिश कर रहा है।
अंतिम रिपोर्ट से पहले टेंडर की तैयारी
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार की तरफ से टेंडर की कमियों पर जवाब एक से दो दिन में भेजे जाने की संभावना है। उन्होंने स्प्ष्ट किया कि आयोग की अंतिम रिपोर्ट के बिना टेंडर जारी नहीं किया जा सकता। फिर भी अगले महीने निजीकरण के टेंडर को जारी की तैयारी चल रही है। उन्होंने टेंडर पुलिंग की आशंका जताते हुए कहा कि औद्यागिक समूहों को लाभ देने के लिए पोर्टल में बदलाव हो रहा है। ऐसे में आयोग को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।
टेंडर छिपाने पर बनी आपसी सहमति
परिषद अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि 28 जून को पावर कारपोरेशन प्रबंधन, सलाहकार कंपनी और एनआईसी के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई। उसमें टेंडर को गुप्त रखने पर सहमति बनी। उन्होंने कहा कि पहली बार टेंडर पोर्टल पर आंकड़ों को छिपाने के लिए पांच लाख रुपये की बोली लगाने वालों को पावर कारपोरेशन के साथ नॉन डिस्क्लोजर एग्रीमेंट (गैर प्रकटीकरण समझौता) करना अनिवार्य किया गया है। ताकि वह उस टेंडर को किसी न दिखा सके। अवधेश वर्मा ने कहा कि पावर कारपोरेशन गोपनीयता इसलिए बनाए रखना चाहता है, ताकि उपभोक्ता या कर्मचारी कोर्ट न जाएं। इसी कारण पूरे मामले की शिकायत विद्युत नियामक आयोग से की गई है।
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