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निजीकरण-श्रम कानूनों के विरोध में बिजली कर्मचारी, मजदूर और किसान सड़क पर उतरे

निजीकरण और श्रम कानूनों के विरोध में बुधवार को बिजली कर्मचारी, किसान और मजदूर देशभर में एक साथ सड़क पर उतर आए। इसी क्रम में लखनऊ में प्रदर्शनकारियों ने परिवर्तन चौक पर एकत्र होकर विरोध जताया।

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Deepak Yadav
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निजीकरण—श्रम कानूनों के विरोध में परिवर्तन चौक पर प्रदर्शन Photograph: (YBN)

परिवर्तन चौक पर एकत्र होकर किया प्रदर्शन, 27 नवंबर को देशव्यापी आंदोलन

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। निजीकरण और श्रम कानूनों के विरोध में बुधवार को बिजली कर्मचारी, किसान और मजदूर देशभर में एक साथ सड़क पर उतर आए। इसी क्रम में लखनऊ में प्रदर्शनकारियों ने परिवर्तन चौक पर एकत्र होकर विरोध जताया। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स (NCCOEEE) के आह्वान पर कर्मचारी बिजली संशोधन बिल और निजीकरण का विरोध में 27 नवंबर को देशव्यापी प्रदर्शन करेंगे।

स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर रोक की मांग

प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों का निजीकरण प्रकिया पर रोक लगाई जाए। उन्होंने बिजली संशोधन बिल वापस लेने, स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना पर रोक लगाने, चारों श्रम संहिता वापस लेने और किसानों को एमएसपी की गारंटी देने की भी मांग उठाई। 

14 को देशव्यापी आंदोलन की बनेगी रणनीति

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि निजीकरण और बिजली संशोधन बिल के विरोध में एनसीसीओईईई, संयुक्त किसान मोर्चा और ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा बनाकर 27 नवम्बर को राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेंगे। पूर्वांचल और दक्षिणांचल मुख्यालय, आगरा और लखनऊ में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम पर बड़े प्रदर्शन की तैयारी है। इसकी रणनीति 14 दिसम्बर को दिल्ली में होने वाली बैठक में तय होगी।

एनसीसीओईईई के घटक संगठनों ने किया फैसला

दुबे ने बताया कि नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के घटक श्रम महासंघों आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ पॉवर डिप्लोमा इंजीनियर्स, ऑल इंडिया इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन, इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया, इंडियन नेशनल इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन, ऑल इंडिया पावर मेन्स फेडरेशन ने देशव्यापी प्रदर्शन का निर्णय लिया है।

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