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मध्यांचल मुख्यायल पर प्रदर्शन करते बिजली कर्मचारी Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचरियों ने सोमवार के प्रदेश भर में प्रदर्शन किया। इसी कड़ी में लखनऊ में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम मुख्यायल पर भारी बारिश के बीच जुटे कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बारिश के बावजूद सड़क पर डट रहकर कर्मियों ने निजीकरण का फैसला वापस लेने की मांग की।
निजीकरण के नाम पर घोटाले की तैयारी
विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि बिजली कंपनियों के घाटे को आधार बनाकर राज्य में बिजली आपूर्ति को निजी क्षेत्र में सौंपने की तैयारी चल रही है। जबकि पावर कारपोरेशन प्रबंधन के घाटे के आंकड़े झूठे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पावर कारपोरेशन और निजी घरानों की मिलीभगत से निजीकरण के नाम बड़ा भ्रष्टाचार होने जा रहा है।
पावर कारपोरेशन अध्यक्ष पर गंभीर आरोप
दुबे ने कहा कि आंदोलन में शामिल समिति के पदाधिकारियों के खिलाफ विजिलेंस के जरिए फर्जी तरीके से आय से अधिक सम्पत्ति को लेकर एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। उन्होंने दावा कि पावर कारपोरेशन अध्यक्ष डॉ आशीष गोयल के पास आय से अधिक संपत्ति है। सरकार को उनकी उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए। दुबे ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की कि गोयल के खिलाफ जांच शुरू की जाए।
प्रदेशव्यापी हड़ताल की चेतावनी
समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि निजीकरण से सिर्फ औद्योगिक समूहों को फायदा होगा। इससे कर्मचारियों की नौकरी खतरे में पड़ जाएगी और उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली का भार पड़ेगा। उन्होंने कहा कि निजीकरण के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से चल रहे आंदोलन के 250 दिन पूरे हो गए हैं। लेकिन सरकार ने अभी तक कोई सार्थक कदम नहीं उठाया है। प्रदर्शनारियों ने कहा कि सरकार ने अपना फैलसा वापस नहीं लिया गया तो प्रदेशव्यापी हड़ताल और उग्र आंदोलन होगा।
इन जनपदों में हुआ प्रदर्शन
बिजली कर्मियों ने वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, हरदुआगंज, जवाहरपुर, परीक्षा, पनकी, ओबरा, पिपरी और अनपरा में प्रदर्शन किया।
संगठन की प्रमुख मांगें
- निजीकरण के नाम पर 55 साल की उम्र और डाउन साइजिंग के नाम पर हटाये गये सभी संविदा कर्मी बहाल किये जाय।
- बिजली कर्मियों के किये गये सभी ट्रांसफर निरस्त किये जाएं
- फेस हाजिरी के नाम पर जून और जुलाई माह का रोका गया वेतन तत्काल बिजली कर्मियों को दिया जाए।
- विजिलेंस से शीर्ष पदाधिकारियों के विरुद्ध की गई फर्जी एफआईआर वापस ली जाए।
- बिजली कर्मचारियों के घरों में जबरदस्ती स्मार्ट मीटर लगाने की कार्रवाई तत्काल बन्द की जाय।
- मार्च 2023 की हड़ताल के बाद कर्मचारियों के खिलाफ उत्पीड़न की कार्रवाइयों के वापस लिया जाए।
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Electricity employees protest | Electricity Privatisation