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चिकित्सा में नवाचार का सुनहरा मौका : दमदार हो आइडिया तो सरकार उठाएगी खर्च, कराएगी पेटेंट

केजीएमयू के हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो. ऋषि सेठी ने कहा, किचिकित्सा क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने वाला कोई दमदार आइडिया आपके पास है, तो उसे केन्द्र सरकार के पेटेंट मित्र पर शेयर करें। पसंद आने पर आइडिया विकसित करने और पेटेंट कराने का खर्च सरकार उठाएगी।

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Deepak Yadav
KGMU

चिकित्सा क्षेत्र में नवाचार का सुनहरा मौका Photograph: (KGMU)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। चिकित्सा क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने वाला कोई दमदार आइडिया आपके पास है, तो उसे केन्द्र सरकार के पेटेंट मित्र पर शेयर करें। पसंद आने पर आइडिया विकसित करने और पेटेंट कराने का खर्च सरकार उठाएगी। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) के ब्राउन हाल में पेटेंट मित्र इनिशिएटिव कार्यशाला में डीन इनोवशन और स्कूल ऑफ इंटरनेशनल बायोडिजाइन के कार्यकारी निदेशक प्रो. ऋषि सेठी ने यह जानकारी दी। 

पेटेंट ड्राफ्ट की भाषा पर जोर

प्रो. ऋषि सेठी ने बताया कि पेटेंट का ड्राफ्ट तैयार करते समय उसकी भाषा व्यापक होने के साथ आइडिया के सार को भी प्रदर्शित करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि केजीएमयू देश के छह बायोडिजाइन स्कूल के सेंटर में से एक है। इसका मकसद नवाचार के जरिए चिकित्सा संबंधी उपकरणों का विकास करना है। 

नवाचार से बेहतर होगी चिकित्सा

इससे पहले केजीएमयू कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने बताया कि नवाचार के माध्यम से चिकित्सा को और बेहतर तथा प्रभावी बनाया जा सकता है। कहा, चिकित्सा संस्थानों में नवाचारों को संरक्षित करने और उन्हें जनकल्याण से जोड़ने की दिशा में पेटेंट मित्र पहल अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।

इलाज के दौरान मन में आते हैं नए विचार

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की डॉ. शुचिता मारकन ने कहा कि मरीज का इलाज करने के दौरान डॉक्टरों के मन में कई विचार आते होंगे। इन पर काम करके नए उपकरण विकसित किए जा सकते हैं। 
उन्होंने ​कहा कि पेटेंट मित्र की पहल भारत में चिकित्सा नवाचारों को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में एक ठोस कदम है।

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आईपीएमसी सेल देगा समर्थन

इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सेल (IPMC) के सदस्य सचिव और बायोकैमिस्ट्री विभाग के प्रो. कलीम अहमद,  ने बताया कि संस्थान का आईपीएमसी सेल इस पहल को पूरा समर्थन देगा। केजीएमयू के इनोवेटर्स का हर संभव सहयोग करेगा। कार्यशाला में केजीएमयू के साथ ही निजी और सरकारी संस्थान के डॉक्टर शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन इंजीनियर सुमित कुमार वैश्य ने किया। 

250 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया

कार्यशाला में एसजीपीजीआई, एम्स रायबरेली, एरा मेडिकल यूनिवर्सिटी, सीएसआईआर-आईआईटीआर, आईआईटी मद्रास, एनआईपीईआर, आगरा कॉलेज, थापर इंस्टीट्यूट, एबीवीएमयू, जे ग्रुप कॉलेज मुंबई, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी और सिमैट्स से करीब 250 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। 

Health News | kgmu

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