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गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे : किनारे बने इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से मिलेगा लोगों को रोजगार

प्रदेश का पहला प्लास्टिक पार्क भी बना है गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के समीप। एक्सप्रेसवे के समीप पेप्सिको सहित चार यूनिट्स में शुरू हो चुका है उत्पादन, कई बड़े निवेश के लिए भूमि आवंटन जल्द होगा।

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Vivek Srivastav
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे

प्रतीकात्‍मक Photograph: (सोशल मीडिया)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कठिन माने जा रहे क्षेत्र में बने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को सीएम योगी के दृढ़ संकल्प का एक्सप्रेस भी कहा जा रहा है। आकार लेने के साथ ही यह एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की भी सौगात लाया। शानदार रोड कनेक्टिविटी मिलना सुनिश्चित होने से लिंक एक्सप्रेसवे का किनारा निवेशकों की खास पसंद बन गया। एक्सप्रेसवे का मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ(CM Yogi Adityanath) के हाथों से होने के पहले ही यहां चार इंडस्ट्रियल यूनिट्स में उत्पादन हो रहा है। जबकि कुछ बड़ी यूनिट्स की स्थापना के लिए भूमि आवंटन हो चुका है और कई को जल्द उनकी मांग के अनुसार जमीन उपलब्ध हो जाएगी।

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महत्वपूर्ण इंडस्ट्रियल सेक्टर्स विकसित

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) ने अपने महत्वपूर्ण इंडस्ट्रियल सेक्टर्स विकसित किए हैं। लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे ही गीडा ने 88 एकड़ क्षेत्रफल में उत्तर प्रदेश का पहला प्लास्टिक पार्क बनाया है। इसमें प्लास्टिक उत्पाद की 92 इकाइयों हेतु विभिन्न क्षेत्रफल के आवंटन हेतु उपलब्ध भूखंडों में से करीब पांच दर्जन भूखंडों का आवंटन किया जा चुका है। प्लास्टिक पार्क में कुछ यूनिट्स में उत्पादन शुरू हो चुका है। इसमें 96 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली प्लास्टिक पैकेंजिंग की प्रमुख कंपनी टेक्नोप्लास्ट पैकेंजिंग प्राइवेट लिमिटेड, 17 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली ओम फ्लैक्स इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और 7 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली गजानन पॉलीप्लास्ट शामिल हैं। प्लास्टिक पार्क में केंद्रीय पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एवं तकनीक संस्थान (सीपेट) का स्किल ट्रेनिंग सेंटर और सीएफसी कामन फसिलिटी सेंटर) भी बनने जा रहा है।

1100 करोड़ के निवेश से बॉटलिंग प्लांट

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गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के समीप ही मल्टी नेशनल कंपनी पेप्सिको की फ्रेंचाइजी मेसर्स वरुण ब्रेवरजेज 1100 करोड़ रुपये के निवेश से बॉटलिंग प्लांट लगा चुकी है। इसके अलावा एक्सप्रेसवे के पास गीडा ने तीन प्रमुख निजी कंपनियों एपीएल अपोलो ट्यूब्स लिमिटेड, ग्रीनटेक भारत प्राइवेट लिमिटेड (एसएलएमजी ग्रुप) और कपिला कृषि उद्योग को भूमि आवंटित की है। इससे 640 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। गीडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनुज मलिक बताती हैं कि कनेक्टिविटी के विकल्प का असर निवेश पर पड़ता है। गीडा की तरफ से गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ एक हजार एकड़ से अधिक क्षेत्र में औद्योगिक गलियारा विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा गीडा की धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप को भी लिंक एक्सप्रेस की कनेक्टिविटी का फायदा मिलेगा।
गोरखपुर के अलावा एक और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर अंबेडकर नगर में बनेगा। चूंकि पूर्वांचल में खेतीबाड़ी ही रोजगार का प्रमुख जरिया है। लिहाजा दोनों कॉरिडोर में  फूड प्रोसेसिंग इकाइयों और कोल्ड स्टोरेज की स्थापना पर फोकस है। इससे आने वाले समय में यहां के खेतीबाड़ी का भी कायाकल्प हो सकेगा। विश्व बैंक की मदद से चलने वाली यूपी एग्रीज योजना इसमें खासी मददगार होंगी। मालूम हो कि इस महत्वाकांक्षी योजना में पूर्वांचल के सभी जिले शामिल हैं।

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