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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।एलडीए की ओर से अंसल एपीआई को जो 411 एकड़ जमीन टाउनशिप विकसित करने के लिए जिन शर्तों पर दी गई थीं। उनका खुला उलंघन हुआ है। अंसल एपीआई ने पार्क, हरित पट्टी को भी नहीं छोड़ा। उसकी भी बिक्री कर डाली है। एलडीए को उसकी जमीन की कीमत का समय पर कभी भुगतान नहीं किया। बावजूद इसके अंसल एपीआई ने एलडीए से मिलने वाली छूट का पूरा लाभ उठाया। बगैर नक्शा पास कराए जमीनों की बिक्री कर डाली। एक भूखंड और फ्लैट को कई-कई बार लोगों को बेचा गया, जिसके विरोध में लोगों ने जब आरटीआई डाली और कोर्ट गए तब जाकर मामले का खुलासा हुआ।
LDA के अफसरों की मिलीभगत भी आई सामने
एलडीए के अधिकारियों ने भी जरूरी शर्तें पूरी किए बिना ही प्लान को मंजूर कर दिया, जिससे खरीददारों को धोखा ही मिला। इस प्रक्रिया के जरिए सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये की क्षति हुई, क्योंकि जमीनें बाजार दर पर न तो बेची गईं और न ही निर्धारित शुल्क वसूला गया, जो एफआईआर दर्ज कराई गई उसमे अंसल समूह पर नियमों की अनदेखी का आरोप है।
धोखाधड़ी की धाराएं
FIR में IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467, 468, 471 (फर्जी दस्तावेज तैयार करना और उपयोग करना) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराएं लगाई गई हैं। यह FIR LDA के अधिकृत अधिकारी द्वारा वर्ष 2024 के अंत में हजरतगंज थाने में दर्ज कराई गई थी। FIR में मामले की CB-CID या आर्थिक अपराध शाखा (EOW) से जांच कराने की मांग की गई है।
जांच समिति का गठन
9 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है, जिसकी पहली बैठक 12 जून 2025 को आयोजित की जाएगी। अंसल API पर LDA की जमीनों को अवैध रूप से बेचने का आरोप है। लगभग 411 एकड़ भूमि को अवैध रूप से निजी हितों में ट्रांसफर करने का मामला है।
भविष्य में प्रभाव
यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो भूमि रद्दीकरण, पुनर्निर्धारण और कानूनी कार्रवाई की संभावना है। इसमें शामिल बिल्डर और अफसरों पर आपराधिक व आर्थिक अपराधों के तहत कार्रवाई हो सकती है।
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