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puvvnl-dvvnl की तरह लखनऊ समेत पांच शहरों में बिजली निजीकरण की तैयारी, संघर्ष समिति ने वर्टिकल सिस्टम का किया विरोध

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पावर कारपोरेशन के वर्टिकल सिस्टम का विरोध किया है। समिति ने आरोप लगाया कि वर्टिकल सिस्टम से प्रदेश के पांच शहरों के निजीकरण की तैयारी चल रही है।

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Deepak Yadav
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निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन करते बिजली कर्मचारी Photograph: (YBN)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। पावर कारपोरेशन निजी कंपनियों की तरह कार्यप्रणाली अपनाने के लिए लखनऊ समेत पांच शहरों में वर्टिकल सिस्टम लागू करने जा रहा है। कारपोरेशन ने दावा किया कि बिजली व्यवस्था और बेहतर करने के लिए यह कदम उठाया गया है। इस कार्यप्रणाली को समझने के लिए लखनऊ के अभियंताओं की टीम कानपुर गई थी। वहीं, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति इस नई व्यवस्था का विरोध किया है।

एआईडीए की वेबसाइट पर गोयल गिना रहे उपलब्धियां

समिति ने आरोप लगाया कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की तरह प्रदेश के पांच अन्य शहरों के निजीकरण की तैयारी चल रही है। संगठन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉक्टर आशीष गोयल ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोसिएशन (AIDA) के महामंत्री के रूप में काम करने में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं। उन्होंने एआईडीए की वेबसाइट पर निजीकरण पर अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए एक नया​ बिंदु जोड़ा है। 

लखनऊ समेत पांच शहरों में बिजली निजीकरण

इसमें जिक्र किया कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के साथ सुधार के लिए कानपुर, मेरठ, अलीगढ़, बरेली और लखनऊ की बिजली व्यवस्था का ऊर्ध्वाधर पुनर्गठन (वर्टिकल रिस्ट्रक्चरिंग) की जा रही है।  इसका उद्देश्य इन शहरों की बिजली व्यवस्था का निजीकरण किया जाना है।

तुगलकी फरमान से नहीं सुधरेगी बिजली व्यवस्था 

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि सरकारी क्षेत्र में रहते हुए बेंगलुरु, पटियाला, पुणे, हैदराबाद, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, गुड़गांव, हिसार में बिजली व्यवस्था में गुणात्मक सुधार किया गया है। यह सब सरकारी क्षेत्र में चल रही व्यवस्था के अंतर्गत ही किए गए हैं। पर किसी भी शहर में इस तरह का तुगलकी फरमान जारी कर विचित्र व्यवस्था नहीं लागू की गई। 

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आरएफपी डॉक्यूमेंट को न दी जाए मंजूरी

पदाधिकारियों ने कहा कि निजीकरण के आरएफपी डॉक्यूमेंट पर नियामक आयोग की आपत्तियों का जवाब तैयार कर लिया गया है। मसौदे की मंजूरी के लिए पावर कारपोरेशन कभी भी आयोग जा सकता है। जिससे निजीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सके। उन्होंने आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार से अपील की कि आरएफपी डॉक्यूमेंट को मंजूरी न दी जाए। चूंकि निजीकरण से बिजली कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा।

निजीकरण के विरोध में आंदोलन जारी

समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि निजीकरण का विरोध में लगातार 295वें दिन आंदोलन जारी है। आज बिजली कर्मियों ने वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद में बड़ी सभाएं विरोध प्रदर्शन किया। 

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