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लोकायुक्त ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ परिवाद किया समाप्त, जानें क्या है पूरा मामला

लोकायुक्त ने आजाद अधिकार सेना की ओर से पीडब्ल्यूडी विभाग में करोड़ों रुपये के कथित भ्रष्टाचार के आरोपों में प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ के खिलाफ पेश वाद को समाप्त कर दिया है।

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Deepak Yadav
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लोकायुक्त ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ परिवाद किया समाप्त Photograph: (YBN)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लोकायुक्त ने पीडब्ल्यूडी विभाग में करोड़ों रुपये के कथित भ्रष्टाचार के मामले में प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ के खिलाफ परिवाद की जांच से इनकार करते हुए इसे समाप्त कर दिया है। यह आरोप पूर्व आईपीएस अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने लगाए थे। परिवाद में आरोप था कि इटौंजा-कुर्सी-देवा-चिनहट मार्ग के चौड़ीकरण में एक फर्म को फायदा पहुंचने के लिए टेंडर प्रकिया में भ्रष्टाचार किया गया।

पुलों के टेंडर में भष्टाचार का आरोप

इसके लिए 23 और 45 किलोमीटर पर दो पुलों की कार्यदायी संस्था बदली गई। एक ही काम के लिए पहले 210 करोड़ और बाद में उसी काम के टेंडर को बढ़ाकर 301 करोड़ रुपये कर दिया गया। साथ ही उन्होंने बलिया और गोरखपुर जिले के कुल 980 करोड़ रुपये के ऐसे टेंडर के मामले प्रेषित किए थे, जिनमें बलिया के एक फर्म छात्र शक्ति इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को ही बार-बार टेंडर मिले।

मुख्यमंत्री लोकायुक्त के क्षेत्राधिकार में नहीं 

लोकायुक्त में कहा कि अमिताभ ठाकुर ने योगी आदित्यनाथ को पीडब्ल्यूडी मंत्री दर्शाया है। जबकि वह प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। उत्तर प्रदेश लोकायुक्त अधिनियम के अंतर्गत मुख्यमंत्री लोकायुक्त के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है। साथ ही परिवाद में अंकित अन्य लोक सेवक प्रमुख सचिव अजय चौहान और रसड़ा विधायक उमाशंकर सिंह, पर लगाए गए आरोप अमिताभ ठाकुर की स्वयं की कल्पना पर आधारित दिखते हैं। लोकायुक्त ने कहा कि पुल की कार्यदायी संस्था तय करने का अधिकार राज्य सरकार को है। जिस पर लोकायुक्त का हस्तक्षेप उचित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अमिताभ ठाकुर इस मामले में किसी भी प्रकार से व्यथित व्यक्ति नहीं हैं।

EX IPS Amitabh Thakur 

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IPS Amitabh Thakur
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