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BSP Chief Mayawati
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने संविधान की प्रस्तावना से सेक्युलरिज्म (धर्मनिरपेक्षता) शब्द नहीं हटाने पर केन्द्र सरकार की सराहना की है। उन्होंने ऐसे किसी भी बदलाव और छेड़छाड़ को अनुचित और संविधान के विरुद्ध बताते हुए इस मांग को गलत करार दिया है।
कानून मंत्री के बयान की सराहना
इस संबंध में मायावती ने शुक्रवार को एक्स पर लिखा कि देश के कानून मंत्री का कल संसद में दिया गया बयान कि संविधान की प्रस्तावना से 'सेक्युलरिज़्म' (धर्मनिरपेक्षता) आदि शब्द हटाने सम्बंधी सरकार की ना कोई नीयत है और ना ही ऐसा कुछ विचाराधीन है, यह उचित और सराहनीय है। खासकर बीएसपी सहित देश व दुनिया भर में उन सभी लोगों के लिए राहत की खबर है। यह अच्छा आश्वासन है, जो बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के संविधान में इस प्रकार के किसी भी अनुचित बदलाव या छेड़छाड़ के पूरी तरह विरुद्ध है व ऐसी उठने वाली गलत मांग को लेकर चिन्तित भी थे।
भारत की विविधता में एकता की विशेषता
बसपा मुखिया ने आगे लिखा कि वैसे भी यह सर्वविदित है कि भारत हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध व पारसी आदि विभिन्न धर्मों के मानने वाले लोगों का विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। संविधान के जरिए विविधता में एकता की विशेषता इसकी बेमिसाल पहचान दुनिया भर में है।
संविधान में समता और सम्मान की झलक
उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के मानने वाले लोगों को एक समान आदर-सम्मान देने व समतामूलक समाज व्यवस्था की सोच को लेकर ही बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने संविधान रचा और जिसकी झलक संविधान में हर कदम पर मिलती है। केन्द्र सरकार ने संविधान को लेकर ताजा विवाद के सम्बंध में संविधान की पवित्र मंशा के हिसाब से अपनी स्थिति स्पष्ट की है, यह अच्छी बात है तथा सरकार बिना किसी की परवाह व चिन्ता किये हुए अपने इस स्टैंड पर कायम रहेगी, ऐसी देश की चाहत व उम्मीद भी है।
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Mayawati | BSP Chief Mayawati