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आरटीई के तहत 47 हजार से अधिक सीटें अभी भी खाली Photograph: (google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को निश्शुल्क दाखिला दिलाने की मुहिम को अब भी पूरी सफलता नहीं मिल पाई है। वर्ष 2025-26 के लिए आरटीई के तहत प्रदेश में 1,85,675 सीटों का आवंटन हुआ था, लेकिन अब तक 1,38,331 बच्चों को ही दाखिला मिल सका है, जो कुल सीटों का लगभग 75 प्रतिशत है। अब भी 47 हजार से अधिक सीटें खाली हैं। उप शिक्षा निदेशक मुकेश सिंह ने कम दाखिले वाले जिलों पर नाराजगी जताते हुए रिक्त सीटों पर प्रवेश सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
श्रावस्ती का सबसे बेहतर प्रदर्शन
आरटीई में सबसे अच्छा प्रदर्शन श्रावस्ती जिले का रहा है, जहां 99 प्रतिशत सीटों पर बच्चों को दाखिला मिल चुका है। इसी प्रकार कानपुर नगर में केवल 50 प्रतिशत और मेरठ में 53 प्रतिशत ही दाखिले हुए हैं। राजधानी लखनऊ में भी स्थिति बेहतर नहीं है। आरटीई के तहत सभी दाखिले मार्च 2025 तक पूरे होने थे, लेकिन जुलाई के आखिरी सप्ताह तक भी यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।
बीएसए शेष सीटों पर दाखिले सुनिश्चित कराएं
वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए से सभी जिलों की समीक्षा करते हुए राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय से सभी बीएसए को निर्देश दिए गए हैं कि शेष सीटों पर दाखिले हर हाल में सुनिश्चित कराए जाएं। आवंटित सीट के सापेक्ष कम दाखिले होने के पीछे कई कारण सामने आई हैं। कुछ अभिभावकों को मनपसंद स्कूल न मिलने के कारण उन्होंने बच्चों का दाखिला नहीं कराया। वहीं, कई निजी स्कूलों ने बच्चों को दाखिला देने से मना कर दिया।
सर्वाधिक दाखिला वाले टॉप 10 जिले
श्रावस्ती 99%, गोंडा 95%, फिरोजाबाद 93%, ललितपुर 93%, बलरामपुर 92%, हरदोई 92%, प्रतापगढ़ 92%, कासगंज 92%, देवरिया 91%, बहराइच 90%
सबसे कम दाखिला वाले टॉप 10 जिले
कानपुर नगर 50%, मेरठ 53%, गाजियाबाद 61%, कन्नौज 63%, गौतमबुद्धनगर 64%, लखनऊ 65%, कानपुर देहात 66%, अयोध्या 66%, बलिया 67%, हापुड़ 68%
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Uttar Pradesh education | RTE