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100 करोड़ की बंदरबांट : मोहसिन रजा ने UPCA पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, CM से उच्च स्तरीय जांच की मांग

मोहसिन रजा ने आरोप लगाते हुए कहा कि यूपीपीएल में ट्रायल के नाम पर प्रदेश के हजारों युवा क्रिकेटरों एक से दो हजार रुपये पंजीकरण फीस वसूली जा रही है। गाजियाबाद और उन्नाव में जमीन खरीद के नाम पर करोड़ों रुपए की हेराफेरी की गई है।

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Deepak Yadav
UP Former Minister Mohsin Raza

पूर्व मंत्री मोहसिन रजा ने UPCA पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप Photograph: (YBN)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।प्रदेश के पूर्व राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने यूपी क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) पर पिछले दो दशकों से भ्रष्टाचार (Corruption), वित्तीय अनियमितता और युवा क्रिकेटरों के शोषण का आरोप लगाया है। उन्होंने यूपीसीए प्रबंधन को तत्काल भंग कर प्रशासक की नियुक्त और भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

100 करोड़ अनुदान राशि का दुरुपयोग 

सेव उत्तर प्रदेश क्रिकेट अभियान का नेतृत्व कर रहे मोहसिन रजा ने सोमवार को एक वीडियो जारी करते हुए आरोप लगाया कि यूपीसीए में भ्रष्टाचार से प्रदेश की छवि खराब हो रही है। बीसीसीआई से हर साल क्रिकेट के लिए दिए जाने वाली 100 करोड़ की अनुदान राशि का दुरुपयोग और बंदरबांट चल रही है। यूपीसीए को एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में बदल दिया गया है। जो लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों और बीसीसीआई के नियमों का सीधा उल्लंघन है। इसकी आड़ में वित्तीय मामलों में पारदर्शिता खत्म कर दी गई है।

यूपीपीएल के नाम पर शोषण

मोहसिन रजा ने आरोप लगाते हुए कहा कि यूपीपीएल में ट्रायल के नाम पर प्रदेश के हजारों युवा क्रिकेटरों एक से दो हजार रुपये पंजीकरण फीस वसूली जा रही है। गाजियाबाद और उन्नाव में जमीन खरीद के नाम पर करोड़ों रुपए की हेराफेरी की गई है। उन्नाव में अकादमी सिर्फ कागजों पर मौजूद है, धरातल पर कोई सुविधा नहीं है।

जवाबदेही का अभाव

उन्होंने कहा कि यूपीसीए पर लगभग 125 करोड़ रुपये की इनकम टैक्स की देनदारी है, लेकिन प्रबंधन कोई जवाब नहीं देता और मनमाने ढंग से एसोसिएशन चला रहा है। कहा, यूपीसीए सरकारी स्टेडियमों का उपयोग करती है। लेकिन एक निजी कंपनी के रूप में काम करके सारा मुनाफा खुद रखती है। जिसका लाभ प्रदेश के क्रिकेट को नहीं मिल रहा है। उन्होंने खिलाड़ियों और अभिभावकों के साथ प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।

प्रमुख मांगें

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  • यूपीसीए के वर्तमान प्रबंधन को तत्काल भंग कर वहां एक निष्पक्ष प्रशासक नियुक्त किया जाए। ताकि क्रिकेट का संचालन पारदर्शी तरीके से हो सके।
  • उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया जाए जो यूपीसीए के पिछले 20 वर्षों के खातों, जमीन सौदों और सभी वित्तीय लेनदेन की गहन जांच करे।
  • जांच में दोषी पाए जाने वाले सभी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

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