लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। चिलचिलाती दोपहर की तपिश हो, कंपकंपाती सर्दी की रातें, मूसलाधार बारिश या फिर जानलेवा कोरोना काल। उपभोक्ताओं की सेवा में दिन-रात एक करने वाले विद्युत विभाग के संविदा कार्मिक कभी नहीं रुके। हाई वोल्टेज तारों पर जिंदगी की बाजी लगाकर काम किया। न त्योहार देखा, न घर-परिवार। जहां अंधेरा हुआ, वहां रोशनी पहुंचाई। ड्यूटी पर कई लाइनमैनों ने अपनी जान गंवा दी। कोई करंट की चपेट में आ गया, तो कोई खंभे से गिरकर हमेशा के लिए अपाहिज हो गया। जिस विभाग के लिए जान की परवाह तक नहीं की, उसी ने मुंह मोड़ लिया। अपाहिज शरीर, उजड़े परिवार और ऊपर से बेरुखी के घाव, जो ताउम्र नहीं भरते। जब उपभोक्ता परिषद के वेबिनार में नौकरी से हटाए गए संविदा कार्मिकों ने छलकती आखों और रुंधे गले से अपना दर्द बयां किया तो माहौल भावुक हो गया।
रायबरेली में 600 संविदा कार्मिकों की सेवाएं समाप्त
संविदा कार्मिकों ने कहा कि वे कम वेतन में किसी तरह अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे। लेकिन अब उनका जीवन संकट में है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में बड़ी संख्या में संविदा कर्मी बिजली लाइनों पर काम करते हैं। दुर्घटना की स्थिति में शारीरिक रूप से अक्षम होने पर उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है। इससे उनका पूरा परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है। रायबरेली के संविदा कर्मी रामविलास पाल ने बताया कि पोल पर काम करते समय हुई दुर्घटना में वह अपाहिज हो गए। जिसके बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। उन्होंने बताया कि जनपद में 600 संविदा कार्मिकों की सेवा समाप्त कर दी गई हैं। इसी तरह रायबरेली के अन्य संविदा कार्मिकों ने बताया कि ऐसे चार से पांच साथी हैं, जिन्होंने विद्युत दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा दी। उनकी पत्नियां जो नौकरी कर रही थीं, उन्हें भी सेवा से हटा दिया गया। उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं। अब उनके सामने जीवन यापन का संकट खड़ा हो गया है।
दिव्यांग संविदा कर्मियों की बहाली की मांग
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने संविदा कार्मिकों को हौसला देते हुए पावर कारपोरेशन प्रबंधन तक उनकी समस्या पहुंचाने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि विद्युत दुर्घटनाओं में अक्षम हो चुके संविदा कार्मिकों को नौकरी से बाहर किया जाना घोर अन्याय है। संविदा कार्मियों की छंटनी से विद्युत सेवा भी प्रभावित हो रही है। पावर कारपोरेशन को इसकी कोई चिंता नहीं है। यह मामला मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री के संज्ञान में लाया जाएगा। उन्होंने मांग की कि प्रदेश के संविदा कार्मिकों के साथ अन्याय बंद किया जाए। सभी दिव्यांग संविदा कार्मिकों को तत्काल नौकरी में पुन: वापस रखकर उपयुक्त कार्यों में समायोजित किया जाए।
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