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यूपी के लोगों को महंगी ब‍िजली का झटका, अगस्त में बिल देखकर उड़ जाएंगे होश

नियामक आयोग के मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन-2025 के तहत जनवरी में बिजली कंपनियों को हर महीने स्वतः फ्यूल एंड प्रावर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज (ईंधन अधिभार शुल्क) तय करने का अधिकार मिला गया है। इसके बाद से बिजली लगातार महंगी सस्ती हो रही है।

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Deepak Yadav
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यूपी के लोगों को लगेगा महंगी ब‍िजली का बड़ा झटका Photograph: (google)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। प्रदेशवासियों को अगले बिजली महंगी होने का झटका लगेगा। उपभोक्ताओं को अगस्त में 0.24 प्रतिशत ज्यादा बिजली का बिल देना होगा। फ्यूल सरचार्ज (ईंधन अधिभार) के एवज में बिजली कंपनियां जुलाई के बिल के साथ विद्युत उपभोक्ताओं से 22.63 करोड़ रुपये अतिरिक्त कमाई करेंगी। चालू वित्तीय वर्ष के टैरिफ निर्धारण के लिए चल रही प्रक्रिया से अगले माह से मौजूदा बिजली की दरों में भी बढ़ोतरी प्रस्तावित है।

बिजली की कीमत में हर माह उतार चढ़ाव

उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन-2025 के तहत जनवरी में बिजली कंपनियों को हर महीने स्वतः फ्यूल एंड प्रावर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज (ईंधन अधिभार शुल्क) तय करने का अधिकार मिला गया है। इसके बाद से राज्य में बिजली लगातार महंगी सस्ती हो रही है। फ्यूल सरचार्ज के लागू होने से जुलाई में उपभोक्ताओं को 1.97 प्रतिशत ज्यादा बिल देना पड़ा था। मई माह के फ्यूल सरचार्ज के एवज में अगले माह जुलाई के बिल पर 0.24 प्रतिशत और भुगतान करना पड़ेगा। जानकारों का कहना है कि आगे के माह में अधिभार शुल्क कम हो सकता है।

33,122 करोड़ रुपये सरप्लस होने से बढ़ोत्तरी गैरकानूनी 

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बढ़ोत्तरी को गैरकानूनी बताते हुए कहा कि बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का 33,122 करोड़ रुपये सरप्लस है। उन्होंने कहा कि पावर कारपोरेशन फ्यूल सरचार्ज के 22.63 करोड़ रुपये रुपये उपभोक्ताओं के सरप्लस से घटा ले। सरप्लस के रहते फ्यूल सरचार्च के एवज में बढ़ोतरी के बजाय सिर्फ बिजली दर घटाने को ही लागू किया जाए।

नारंग का नहीं बढ़ा कार्यकाल

पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्काम के 42 जिलों की बिजली के निजीकरण के लिए गठित टेंडर मूल्यांकन कमेटी के अध्यक्ष निधि कुमार नारंग का कार्यकाल बढ़ाने से राज्य सरकार ने मना कर दिया है। पावर कारपोरेशन के निदेशक (वित्त) रहते निजीकरण की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभा रहे निधि कुमार नारंग का अब तक दो वर्ष क्रा कार्यकाल बढ़ाया जा चुका है। इस बीच निदेशक वित्त के चयन की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है।

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