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बिहार में यूं बिछे यूपी के मुद्दे, अब होगा यहां घमासान Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी की राजधानी लखनऊ के पाश इलाके डालीबाग में माफिया मुख्तार अंसारी का घर बुलडोजर से गिरवाकर उस पर बनाए गए 72 फ्लैट की चाबी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गरीबों को सौंपी तो यह तय हो गया कि बिहार के चुनाव में बिछ रहे उत्तर प्रदेश के मुद्दों में यह भी एक बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है, जिसकी असल गूंज 2027 में सुनाई देगी। पांच नवंबर को यह आवास दिये गए, छह नवंबर को बिहार में पहले चरण का मतदान था और दूसरे चरण की सभाओं में इसे योगी के मुंह से सुना भी गया। इसी तरह समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जब विकास का जिक्र करते हुए आगरा एक्सप्रेसवे (AGRA EXPRESSWAY) का नाम लिया और कहा कि BJP सरकार ठीक से नकल भी नहीं कर पा रही तो यह भी तय हो गया कि विपक्ष यूपी के चुनाव में ऐसे ही मुद्दों से सरकार को घेरने जा रहा है। चुनाव बिहार में हुआ लेकिन यूपी के मुद्दे वहां गूंजते रहे और अब इन पर असली घमासान की जमीन तैयार हो चुकी है।
पहली ही सभा में योगी ने तय कर दी यूपी की भावी लाइन
कोई दो राय नहीं कि योगी और अखिलेश दोनों नेताओं ने बिहार में जमकर मशक्कत की है और वहां के मतदाताओं पर अपना पूरा असर डालने में सफल भी रहे हैं। चुनाव के नतीजे इन दोनों की मेहनत का परिणाम भी दिखाएंगे। वैसे तो BJP के कई बड़े नेता बिहार में थे लेकिन एनडीए के अधिकांश उम्मीदवार चाहते थे कि योगी उनके यहां जरूर पहुंचें। दानापुर की पहली ही सभा में उन्होंने यूपी में माफियाओं का जिक्र कर यह संदेश दे दिया कि आगे वह किस लाइन पर चलेंगे। योगी ने बिहार में कुल 31 सभाएं कीं। इसमें उन्होंने कांग्रेस को भी लपेटा कि इस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में भगवान राम के अस्तित्व से इनकार किया था और सपा पर यह कहकर घात किया कि राम भक्तों पर गोलियां इसी पार्टी की सरकार ने चलाई थी। यह सब मुद्दे यूपी के हैं।
वोट शहाबुद्दीन के बेटे के लिए, निशाने पर यूपी के मुस्लिम
समाजवादी पार्टी ने बिहार चुनाव में अपने उम्मीदवार जरूर नहीं खड़े किए थे लेकिन पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने तेजस्वी के लिए पूरे समर्पण से प्रचार किया। वह जानते थे कि इसका लाभ उन्हें यूपी के चुनाव में मिलने वाला है। BIHAR में अखिलेश यादव की एंट्री एक नवंबर से हुई और नौ नवंबर तक उन्होंने लगातार सभाएं की। अखिलेश ने बिहार के पूर्णिया में अपनी पहली सभा की और नीतीशजी रिटायर होने वाले हैं कहकर बदलाव का नैरेटिव तो सामने रखा ही यह कहकर यूपी की आगामी राजनीति का संकेत भी दे दिया कि RJD और कांग्रेस जैसा गठबंधन वह यूपी में भी बनाएंगे। शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा के लिए वोट मांगकर उन्होंने यूपी के मुस्लिमों को भी साधा।
कौन होगा बिहार का असली गेम चेंजर
बिहार में चुनाव प्रचार खत्म हो गया है और इसी के साथ पिछले लगभग एक पखवाड़े से वहां जुटे यूपी को योद्धाओं की वापसी हो गई है लेकिन अब लोगों में जिज्ञासा इस बात की है कि आखिर वहां गेम चेंजर कौन साबित होगा। UP के CM योगी आदित्यनाथ य़ा फिर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव। योगी और अखिलेश के भाषणों की बात करें तो योगी की सभाओं में जंगलराज का भूत, घुसपैठिए, तुष्टिकरण, वंशवाद बनाम राम राज्य, बुलडोजर, डबल इंजन और कटेंगे तो बटेंगे स्टाइल वाक्य गूंजते रहे। वहीं अखिलेश की सभाओं में महंगाई की मार, बेरोजगारी का दर्द, किसान-पलायन, नौकरी, लैपटॉप, तेजस्वी की युवा सरकार और बदलाव की लहर जैसे शब्द गूंजते रहे। मुकाबला स्तर से नीचे भी गया और जहां योगी ने अप्पू, पप्पू और टप्पू कहते हुए राहुल, तेजस्वी और अखिलेश को बंदरों की उपमा दे डाली तो अखिलेश ने भी तुर्की ब तुर्की जवाब देते हुए सोशल मीडिया पर ट्वीट किए और भाषणों में एकरंगी शब्द का इस्तेमाल किया। बहरहाल, यह मुकाबला अब खत्म हो चला है लेकिन परिणाम को इंतजार यूपी को भी है।
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