/young-bharat-news/media/media_files/2025/08/21/pregnant-woman-death-2025-08-21-09-00-04.jpg)
गर्भवती महिला की मौत पर परिजनों ने काटा हंगामा ।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी के निगोहां कस्बे के एक निजी अस्पताल में भर्ती गर्भवती महिला की तबीयत बिगड़ने के बाद डॉक्टरों ने उसे रेफर किया, लेकिन दूसरे अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई। घटना के बाद मृतका के मायके पक्ष, ससुराल पक्ष और अस्पताल प्रबंधन के बीच तीखी नोकझोंक और मारपीट हो गई। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने स्थिति को किसी तरह नियंत्रित किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मायके वालों ने ससुराल पक्ष पर लापरवाही का लगाया आरोप
दयालपुर मजरा परमेश्वरखेड़ा निवासी मजदूर शैलेंद्र कुमार की पत्नी प्रेमलता (26) को 18 अगस्त को पीलिया के इलाज के लिए निगोहां के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। मंगलवार देर रात उसकी हालत अचानक बिगड़ गई। डॉक्टरों ने तुरंत उसे दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया। परिजन जब एम्बुलेंस से ले जा रहे थे, तभी रास्ते में उसकी मौत हो गई।मृतका के मायके पक्ष का आरोप है कि ससुराल वालों ने एम्बुलेंस को काफी देर तक रोककर अस्पताल चुनने में समय गंवाया, जिससे प्रेमलता की जान चली गई। मौत की सूचना पाकर मायके वाले भी अस्पताल पहुंचे और ससुराल पक्ष पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। इस दौरान दोनों पक्षों में मारपीट हो गई और मृतका का भाई शैलेंद्र घायल हो गया।
इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए थाने में दी तहरीर
मृतका के पिता सुखराम, निवासी लोधईखेड़ा (बछरांवा), ने दामाद शैलेंद्र और अन्य ससुराल पक्ष पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए थाने में तहरीर दी है। मृतका अपनी डेढ़ वर्षीय बेटी पीहू को पीछे छोड़ गई है।वहीं, अस्पताल संचालक ने सफाई दी कि महिला का पीलिया का उपचार चल रहा था। देर रात हालत गंभीर होने पर ही रेफर किया गया था। थाना प्रभारी अनुज तिवारी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें- आगे बढ़ी निजीकरण प्रक्रिया : बिजली कर्मी बिफरे, टेंडर पर कार्य बहिष्कार, जेल
यह भी पढ़ें- लिफाफा लेने वाले एसडीएम हटाए गए, डीएम ने एडीएम को सौंपी जांच
यह भी पढ़ें- निजीकरण मसौदे की मंजूरी को नियामक आयोग जाएंगे आला अफसर, उपभोक्ता परिषद ने भी कसी कमर