Advertisment

निजीकरण का टेंडर जारी करने की तैयारी, बिजली कार्मिकों ने जेल भरो आंदोलन के लिए कसी कमर

समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के टेंडर जारी करने की तैयारी चल रही है। संभवत: बिना नियामक आयोग की सलाह लिए जुलाई में टेंडर जारी किया जा सकता है।

author-image
Deepak Yadav
एडिट
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति

निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन करते बिजली कर्मचारी Photograph: (YBN)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पावर कारपोरेशन पर आरोप लगाया कि वह ऊर्जा निगमों में आपातकाल की तरह  हालात पैदा कर बिजली के निजीकरण (Electricity Privatisation) का टेंडर निकालने की तैयारी का रहा है। संगठन ने सवाल उठाया कि किस स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के आधार पर निजीकरण किया जा रहा, उसे सार्वजनिक किया जाय। लाखों करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों को किसी गोपनीय दस्तावेज के आधार पर नहीं बेचा जा सकता है। टेंडर जारी होते ही जेल भरो आंदोलन शुरू करने की तैयारी में झांसी और पारीछा में आम सभा हुई।

Advertisment

जुलाई में टेंडर हो सकता है जारी

समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के टेंडर जारी करने की तैयारी चल रही है। संभवत: बिना नियामक आयोग की सलाह लिए जुलाई में टेंडर जारी किया जा सकता है। बिजली कर्मचारी पूरी तरह सतर्क हैं और प्रबन्धन की ऐसी किसी भी साजिश का करारा जवाब दिया जाएगा। टेंडर जारी होते ही बिजली कर्मी, जूनियर इंजीनियर, अभियंता, किसानों और घरेलू उपभोक्ता एक साथ सामूहिक जेल भरो आंदोलन शुरू कर देंगे।

अप्रैल 2025 का ड्राफ्ट छुपाया गया

Advertisment

उन्होंने कहा कि सितम्बर 2020 में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के लिए एक स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट का ड्राफ्ट जारी कर सभी स्टेक होल्डर्स के सुझाव मांगे थे। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने इस ड्राफ्ट पर आपत्ति जताई थी। सरकार ने उस ड्राफ्ट को अभी तक फाइनल नहीं किया और इसे वापस भी नहीं लिया। अब अप्रैल 2025 में नया ड्राफ्ट सामने आया है। इसमें निजी घरानों के पक्ष में कई शर्तें शिथिल कर दी गई हैं। यह ड्राफ्ट मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड नहीं है। न ही इसे सार्वजनिक किया है। ऐसे में बिना स्टेक होल्डर्स की राय लिए निजीकरण प्रक्रिया शुरू करना उपभोक्ताओं के साथ धोखा होगा। 

जेल भरो आंदोलन की तैयारी में हुईं सभाएं

संगठन के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि जेल भरो आंदोलन की तैयारी में समिति और राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन ने संयुक्त रूप से झांसी और पारीछा ताप बिजली घर में आम सभा की। इसमें बिजली कर्मियों ने संकल्प लिया कि निजीकरण का टेंडर होते ही अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार और सामूहिक जेल भरो आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, हरदुआगंज, जवाहरपुर, परीक्षा, पनकी, ओबरा, पिपरी और अनपरा में सभा हुई।

Advertisment

यह भी पढ़ें- खिलाड़ियों को मिला बेहतरीन मंच, ग्रीष्मकालीन हैंडबॉल शिविर का समापन

यह भी पढ़ें- UP News : तीन महीने से नहीं मिला वेतन, कर्ज में डूबे ESIC कर्मचारी

यह भी पढ़ें- धीरेंद्र शास्त्री पर टिप्पणी करके चौतरफा घिरे Akhilesh Yadav, जानें BJP समेत किस-किस ने किया तीखा हमला

Advertisment

यह भी पढ़ें- निजीकरण का टेंडर निकालने की तैयारी, उपभोक्ता परिषद पहुंचा नियामक आयोग

Electricity Privatisation
Advertisment
Advertisment