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निजीकरण के खिलाफ प्रदर्श करते बिजली कर्मचारी Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। बिहार विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का टेंडर निकालने की तैयारी शुरू कर दी है। इस पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने चेतावनी दी कि टेंडर निकलते ही प्रदेश भर के बिजली कर्मचारी और इंजीनियर सामूहिक जेल भरो आंदोलन करेंगे।
पावर कॉरपोरेशन ने ऊर्जा निगमों का माहौल बिगाड़ा
संगठन के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने निजीकरण के नाम पर ऊर्जा निगमों में पिछले एक साल से कार्य का वातावरण बिगाड़ रखा है। चेयरमैन डॉ आशीष गोयल ने मुम्बई में हुई डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी मीट के दौरान कई वरिष्ठ संवाददाताओं से बिहार चुनाव के बाद निजीकरण का टेंडर निकालने का बात कही है।
घाटे के गलत आंकड़ों पर निजीकरण
उन्होंने कहा कि घाटे के नाम पर बिजली कंपनियों का निजीकरण किया जा रहा है। जबकि सच यह है कि सरकारी विभागों का बकाया और सब्सिडी की धनराशि जोड़ने के बाद दोनों ऊर्जा निगम घाटे में नहीं है। दुबे ने मुख्य सचिव एसपी गोयल से अपील की है कि घाटे के गलत आंकड़ों के आधार पर पर तैयार किए गए आरएफपी डॉक्यूमेंट को मंजूरी न दें।
3242 करोड़ के मुनाफे में पूर्वांचल डिस्कॉम
समिति ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि वर्ष 2024-25 में पूर्वांचल डिस्कॉम ने 13297 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली की। 5321 करोड़ रुपये टैरिफ सब्सिडी, 376 करोड़ रुपये निजी नलकूप सब्सिडी और 630 करोड़ रुपये की बुनकरों की सब्सिडी है। इस तरह कुल राजस्व 19624 करोड़ रुपये हुआ। पूर्वांचल में राज्य सरकार के सरकारी विभागों पर बकाया 4182 करोड़ रुपये है। इस धनराशि को जोड़ने के बाद कुल राजस्व 23806 करोड रुपये हो जाती। विद्युत नियामक आयोग को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम ने बताया है कि उसका कुल खर्च 20564 करोड रुपए का हुआ है। इस प्रकार पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम 3242 करोड रुपए के मुनाफे में है।
दक्षिणांचल का मुनाफा 2156 करोड़ रुपये
इसी प्रकार दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में कुल राजस्व 11546 करोड रुपए का मिला है। टैरिफ सब्सिडी 4692 करोड़, निजी नलकूप सब्सिडी 991 करोड़, बुनकरों की सब्सिडी 23 करोड़ है। इन सबको मिला दिया जाए तो कुल राजस्व 17252 करोड रुपये का होता है। सरकारी विभागों का 4543 करोड़ रुपए का बकाया जोड़ने के बाद कुल राजस्व आय 21795 करोड़ रुपये हो जाती है। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ने विद्युत नियामक आयोग को बताया है कि वर्ष 2024-25 में उसका कुल खर्चा 19639 करोड रुपये का हुआ है। इस प्रकार दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का मुनाफा 2156 करोड़ रुपये है।
बिजली कर्मियों का प्रदेश भर में प्रदर्शन जारी
संघर्ष समिति के आह्वान पर निजीकरण के विरोध में लगातार चल रहे आंदोलन के 355 वें दिन आज बिजली कर्मियों ने प्रदेश भर में प्रदर्शन जारी रखा। आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद में बड़े प्रदर्शन किए गए।
Electricity Privatisation | vksssup
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