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डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी मीट का मुख्य एजेंडा निजीकरण, संघर्ष समि​ति की बिजली कर्मियों से विरोध की अपील

मुंबई में आगामी चार-पांच नवंबर कोहोने जा रही डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी मीट पर उप्र विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आपत्ति जताई है। समिति का कहना है कि मीटिंग का मुख्य उद्देश्य बिजली निजीकरण है।

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Deepak Yadav
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निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन करते बिजली कर्मचारी Photograph: (YBN)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। मुंबई में आगामी चार-पांच नवंबर को होने जा रही डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी मीट पर उप्र विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आपत्ति जताई है। समिति का कहना है कि मीटिंग का आयोजन निजी संस्था इंडियन स्मार्ट ग्रिड फोरम कर रही है। इसका मुख्य उद्देश्य बिजली का निजीकरण है। समिति ने मुंबई के बिजली कर्मियों से मीटिंग का विरोध करने की अपील की है। 

समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी मीट के मेजबान टाटा पावर और सह मेजबान बीएसईएस राजधानी पावर और बीएसईएस यमुना पावर है। जो रिलायंस पावर की विद्युत वितरण कंपनियां है। टाटा पावर के सीईओ कई बार पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम को खरीदने का ऐलान कर चुके हैं।

इसी तरह की डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी मीट नवंबर 2024 में लखनऊ में हुई थी। इसमें ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोशिएशन का गठन किया गया था। जिसमें महाराष्ट्र विद्युत वितरण निगम के सीएमडी लोकेश चंद्र को अध्यक्ष, आशीष गोयल को महामंत्री औरनोएडा पावर कंपनी के पीआर कुमार को कोषाध्यक्ष बनाया गया। लखनऊ में हुई मीट के कुछ दिन बाद ही प्रदेश में बिजली निजीकरण की घोषणा कर दी गई थी।

पदाधिकारियों ने कहा कि कहा डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी मीट के एजेंडा से स्पष्ट हो गया कि प्रदेश में बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया तेज की जा रही है। इसके बाद महाराष्ट्र में निजीकरण की पूरी तैयारी है। ऐसे में संघर्ष समिति ने महाराष्ट्र के बिजली कर्मियों से अपील की कि वे चार-पांच नवंबर को मुंबई में होने वाली डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी मीट का पुरजोर विरोध करें। 

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शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि  पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष आशीष गोयल पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण में लगे हुए हैं। वहीं दूसरी ओर ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोसिएशन के महामंत्री के रूप में भी निजी घरानों के साथ उनकी मिलीभगत है। यह  कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट (हितों के टकराव) का मामला है। 

उन्होंने बताया कि निजीकरण के विरोध में 296वें दिन बिजली कर्मियों ने वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद में प्रदर्शन किया।

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