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अब पश्चिमांचल-मध्यांचल के बड़े शहरों के निजीकरण की तैयारी, बिजली कर्मियों में बढ़ा आक्रोश

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने दावा किया कि पॉवर कारपोरेशन पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम के साथ ही पश्चिमांचल व मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के सभी बड़े शहरों के निजीकरण की तैयार कर रहा है।

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Deepak Yadav
protest against electricity privatisation

पश्चिमांचल-मध्यांचल के बड़े शहरों के निजीकरण की तैयारी Photograph: (YBN)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने दावा किया कि पॉवर कारपोरेशन पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम के साथ ही पश्चिमांचल व मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के सभी बड़े शहरों के निजीकरण की तैयार कर रहा है। इसके तहत पश्चिमांचल के अंतर्गत गाजियाबाद के दो शहरी क्षेत्र मुरादाबाद और सहारनपुर बिजली विभाग की प्रशासनिक संरचना के बदलाव के आदेश जारी किए गए हैं।

नोएडा में जल्द बदलेगा प्रशासनिक ढांचा

समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि अभियंता जहां दीपावली पर निर्बाध बिजली आपूर्ति की तैयारी में लगे हैं। वहीं पावर कॉरपोरेशन ने सहारनपुर और मुरादाबाद का प्रशासनिक ढांचा ईज ऑफ लिविंग के नाम पर निजीकरण की दृष्टि से मनमाने ढंग से बदलने का आदेश जारी कर दिया है। नोएडा क्षेत्र का प्रशासनिक ढांचा बदलने का आदेश लगभग तैयार है। इसे भी दीपावाली से पहले जारी कर दिया जाएगा। मध्यांचल के अंतर्गत बरेली का प्रशासनिक ढांचा बदलने का आदेश पहले ही हो चुका है। लेसा का प्रशासनिक ढांचा बदलने का फैसला एक नवंबर से लागू किया जा रहा है। 

 भाजपा विधायक भी निजीकरण के खिलाफ

संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि वर्टिकल व्यवस्था और और ईज ऑफ लिविंग के नाम पर विद्युत वितरण का प्रशासनिक ढांचा मनमाने ढंग से बदलना, केवल निजीकरण के लिए किया जा रहा है। प्राक्कलन समिति के अध्यक्ष और मेरठ के भाजपा विधायक अमित अग्रवाल ने वर्टिकल रिस्ट्रक्चरिंग का जोरदार विरोध किया था। अग्रवाल ने कहा था कि वर्टिकल रिस्ट्रक्चरिंग के बाद मेरठ शहर की बिजली व्यवस्था और खराब हो गई है।

पावर कारपोरेशन मनमानेपन पर उतारू

संघर्ष समिति ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन के शीर्ष प्रबंधन का ध्यान बिजली व्यवस्था में सुधार के बजाय निजीकरण पर है, जिससे उपभोक्ताओं और पॉवर सेक्टर का बहुत नुकसान हो रहा है। वर्षों से चली आ रही व्यवस्था में अभियंताओं से विचार विमर्श किए बिना किए जा रहे बदलाव के दुष्परिणाम मेरठ, अलीगढ़ और बरेली में दिखाई दे रहे हैं। उसके बावजूद पावर कारपोरेशन मनमानेपन पर उतारू है। निजीकरण के विरोध में 323वें दिन बिजली कर्मियों ने प्रदेश भर में सभी जनपदों में व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी रखा।

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