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सीएम आवास पर रिटायर्ड फौजी ने खाया जहर, बीजेपी विधायक पर लगाया गंभीर आरोप, अस्पताल में भर्ती

लखनऊ सीएम आवास के जनता दरबार में गुरुवार सुबह गाजियाबाद के लोनी निवासी रिटायर्ड फौजी सतबीर गुर्जर ने जहर खाकर हड़कंप मचा दिया। अस्पताल में भर्ती सतबीर ने होश आने पर भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर पर उत्पीड़न और षड्यंत्र के गंभीर आरोप लगाए।

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Shishir Patel
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रिटायर्ड फौजी ने बीजेपी विधायक पर लगाया गंभीर आरोप ।

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी में सीएम आवास पर गुरुवार सुबह उस समय सनसनी फैल गई जब जनता दरबार में आए एक रिटायर्ड फौजी ने अधिकारियों के सामने ही कहा कि उसने जहर खा लिया है। आनन-फानन में मौके पर मौजूद पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने उसे सिविल अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों के मुताबिक, फिलहाल उनकी हालत खतरे से बाहर है।

घटना के बाद सीएम आवास परिसर में मचा हड़कंप 

घटना के शिकार व्यक्ति की पहचान सतबीर गुर्जर (65), निवासी लोनी, गाजियाबाद के रूप में हुई है। सतबीर कारगिल युद्ध के पूर्व सैनिक हैं। घटना के बाद सीएम आवास परिसर में अफरातफरी मच गई और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए कि इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद जहरीला पदार्थ परिसर के अंदर कैसे पहुंच गया।

Lucknow CM Residence
रिटायर्ड आर्मी जवान ने खाया जहर, हालत नाजुक, अस्पताल में भर्ती

विधायक द्वारा लगातार किया जा रहा उत्पीड़न 

इलाज के दौरान सतबीर ने बताया कि वह लोनी से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर के उत्पीड़न से परेशान हैं। उनका कहना है कि विधायक द्वारा उनके साथ-साथ लोनी क्षेत्र की जनता पर भी लगातार दबाव और अत्याचार किया जा रहा है। सतबीर ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक लिखित शिकायत भी दी है, जिसमें गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

विधायक नंदकिशोर गुर्जर पर लगाया गंभीर आरोप 

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पत्र में सतबीर ने लिखा है कि अप्रैल माह में विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने एक कलश यात्रा निकाली थी, जिसे उन्होंने “सरकार गिराने की साजिश” करार देते हुए सोशल मीडिया पर उजागर किया था। इसके बाद से वह विधायक के निशाने पर आ गए। सतबीर ने आरोप लगाया कि विधायक अवैध वसूली और टैक्स के जरिए प्रतिदिन करोड़ों रुपये कमा रहे हैं, जिसका कुछ हिस्सा ऊपरी स्तर तक पहुंचता है।

पुलिस ने शुरू की सोशल मीडिया पोस्ट 

पुलिस के मुताबिक सतबीर की लिखित शिकायत और सोशल मीडिया पोस्ट की जांच की जा रही है। थाना गौतमपल्ली प्रभारी निरीक्षक पंकज कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच में उनकी हालत स्थिर है और आगे की कार्रवाई आरोपों की पुष्टि के आधार पर की जाएगी।यह घटना न केवल सुरक्षा व्यवस्था बल्कि राजनीतिक दबाव और जनप्रतिनिधियों के व्यवहार पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।

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