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अखिलेश यादव का फाइल फोटो। Photograph: (सोशल मीडिया)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। वर्ष 2024 के राज्यसभा चुनाव में भाजपा को अप्रत्याशित जीत दिलाने वाले समाजवादी पार्टी के सात विधायकों पर अब गाज गिरनी शुरू हो गई है। सपा ने तीन बागी विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है, जबकि चार को फिलहाल चेतावनी देकर छोड़ा गया है।
निकाले गए विधायकों पर पर पार्टी ने आरोप लगाया कि वे पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) गठबंधन के खिलाफ बयान दे रहे थे और विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा दे रहे थे, जिनको अल्टीमेटम दिया गया उनके बारे में सपा ने एक्स (Twitter) पर लिखा कि अनुग्रह अवधि की सीमा अब पूर्ण हुई। शेष की समय सीमा अच्छे व्यवहार के कारण शेष है। पार्टी का दावा है कि ये विधायक अब पार्टी लाइन पर लौटने की कोशिश कर रहे हैं और पीडीए के प्रति आस्था जता रहे हैं।
कैसे हारी सपा की तीसरी सीट?
सपा ने राज्यसभा में तीन उम्मीदवार उतारे थे। भाजपा को सिर्फ 7 सीटों की संख्या बल थी, लेकिन 8 उम्मीदवार उतारे। सपा के सात विधायकों की क्रॉस वोटिंग से बीजेपी के संजय सेठ भी जीत गए। इसका नुकसान सपा के तीसरे उम्मीदवार को उठाना पड़ा था। भाजपा ने इसे अंतरात्मा की आवाज बताया था। सपा ने कहा, यह पार्टी के साथ विश्वासघात है। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यह घटना सपा के संगठन में दरार और भाजपा की रणनीतिक मजबूती दोनों को उजागर करती है।
सपा में पीडीए कार्ड से सभी संतुष्ट नहीं
सपा का 'पीडीए कार्ड' सभी विधायकों को साथ नहीं जोड़ पा रहा। पार्टी अब डैमेज कंट्रोल की रणनीति में जुटी है। भाजपा विपक्ष की कमजोरी को भुनाने में सफल रही है। यह मामला 2027 विधानसभा चुनाव की दिशा तय करने वाले कारकों में से एक हो सकता है।
यह विधायक निकाले गए
अभय सिंह
राकेश प्रताप सिंह
मनोज कुमार पांडेय
इनको दिया गया अल्टीमेटम
राकेश पांडेय
विनोद चतुर्वेदी
पूजा पाल
आशुतोष मौर्य
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