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बकाया वेतन को लेकर सहारा शहर के कर्मचारी प्रदर्शन करते Photograph: (Google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी में सहारा शहर के कर्मचारी बकाया वेतन भुगतान की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए हैं। कर्मचारियों ने सभी गेटों पर तालाबंदी कर दी है। परिसर के भीतर पानी और बिजली की सप्लाई भी बंद कर दी गई है। किसी को भी अंदर आने-जाने नहीं दिया जा रहा है। खास बात यह है कि सहारा समूह के प्रमुख दिवंगत सुब्रत रॉय का परिवार परिसर के अंदर ही मौजूद है।
800 कर्मचारियों का वेतन बकाया
कर्मचारियों का कहना है कि वह पिछले 25 साल से यहां काम कर रहे हैं। 2012 से करीब 800 कर्मचारियों का वेतन बकाया है। नगर निगम तीन दिन में सहारा शहर सील कर देगा। ऐसे हालात में कर्मचारियों कहां जाएंगे, सहारा प्रबंधन इस पर मौन है।
2012 से नियमित वेतन का भुगतान नहीं
राजेंद्र पांडेय ने कहा कि 2012 से नियमित वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है। सिर्फ टोकन मनी मिल रही है। 2012 से अभी तक पीएफ जमा नहीं किया गया। बोनस और ग्रेच्युटी भी नहीं मिली। कंपनी ने हमारे जीवन के 25 अहम साल लूट लिए। अब घर चलाना मुश्किल हो गया है। सहारा प्रबंधन कर्मचारियों की समस्याओं के बारे में कोई बात करना नहीं चाहता। ऐसे में मजबूरन आंदोलन का रास्ता अखितयार करना पड़ा।
नगर निगम ने तीन दिन की दी मोहलत
नगर निगम ने साल 1994 में आवासीय योजना विकसित करने के लिए सहारा इंडिया हाउसिंग लिमिटेड को 170 एकड़ जमीन 30 साल की लीज पर दी थी। लीज का समय पूरा होने के बाद नगर निगम ने जमीन वापस लेने की कार्रवाई शुरू कर दी है। नगर निगम ने सहार शहर प्रबंधन को जगह खाली करने के लिए तीन दिन की मोहलत दी है। अफसरों का कहना है कि तीन दिन के बाद सहारा शहर सील कर दिया जाएगा।
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