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बच्चों से किताबें छीनकर शराब की बोतल थमा रही योगी सरकार : Sanjay Singh बोले- जनता 2027 में सत्ता से करेगी बाहर

संजय सिंह ने कहा कि आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में प्राथमिक स्तर पर 1.93 लाख शिक्षकों के पद खाली हैं। माध्यमिक में 3,872 और वरिष्ठ माध्यमिक में 8,714 शिक्षक नहीं हैं।

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Deepak Yadav
SANJAY SINGH

संजय सिंह का आरोप- बच्चों से किताबें छीनकर शराब की बोतल थमा रही सरकार Photograph: (YBN)

लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। आम आदमी पार्टी (AAP) के यूपी प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर शिक्षा विरोधी मानसिकता रखने का आरोप लगाया है। उन्होंने सोमवार को यहां कहा कि जिस प्रदेश में लाखों बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं, वहां हजारों स्कूल या तो बंद कर दिए गए हैं या जर्जर हालत में चल रहे हैं और दूसरी तरफ शराब की दुकानों की बाढ़ आई हुई है।

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प्रदेश में  1.93 लाख शिक्षकों के पद खाली

संजय सिंह ने कहा कि आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में प्राथमिक स्तर पर 1.93 लाख शिक्षकों के पद खाली हैं। माध्यमिक में 3,872 और वरिष्ठ माध्यमिक में 8,714 शिक्षक नहीं हैं। मतलब ये कि सरकार खुद मानती है कि करीब 2 लाख शिक्षक नहीं हैं, लेकिन फिर भी उनकी भर्ती की कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई। कई जिलों में ऐसे प्राथमिक विद्यालय चल रहे हैं जहां सिर्फ एक शिक्षक पूरे स्कूल को संभाल रहा है। प्रयागराज जिले में ही 633 स्कूल खतरनाक घोषित किए जा चुके हैं जिनकी इमारतें गिरने की हालत में हैं।

पांच हजार स्कूलों बंद करने की तैयारी

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उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने अब तक 27 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूल बंद कर दिए हैं और अब पांच हजार और स्कूलों को बंद करने की तैयारी में है। यह कहते हुए कि वहां बच्चों की संख्या कम है। लेकिन बच्चों की संख्या इसलिए कम है क्योंकि सरकार ने शिक्षक नहीं दिए, सुविधाएं नहीं दीं और स्कूलों को खुद ही बर्बाद किया।

सरकार को शराब के ठेकों की चिंता

संजय सिंह ने कहा कि जब स्कूल बंद हो रहे थे, तब सरकार ने प्रदेश के खाली खजाने प्रदेश में 27,308 शराब की दुकानें खोल दीं। सरकार को शिक्षा की नहीं, शराब के ठेकों की चिंता है। यही वजह है कि प्रदेश में प्रति छात्र शिक्षा पर सिर्फ 9,167 रुपये सालाना खर्च हो रहा है, जो कि राष्ट्रीय औसत 12,768 रुपये से कहीं कम है।

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स्कूलों को मर्ज कर छोड़ दिया खस्ताहाल

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार नहीं चाहती कि गरीब, दलित, पिछड़ा और किसान का बच्चा पढ़-लिखकर आगे बढ़े। इसीलिए शिक्षा को पूरी तरह से तबाह किया जा रहा है। स्कूलों को या तो मर्ज कर दिया गया है या उन्हें खस्ताहाल छोड़ दिया गया है।

मधुशाला नहीं पाठशाला चाहिए

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सांसद ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने पूरे प्रदेश में ‘स्कूल बचाओ आंदोलन’ शुरू किया है। हम गांव-गांव जाकर जनता को बताएंगे कि योगी सरकार बच्चों से किताबें छीनकर शराब की बोतल थमा रही है। ‘मधुशाला नहीं पाठशाला चाहिए’ के नारे के साथ यह आंदोलन तब तक चलाएंगे जब तक प्रदेश में हर बच्चे को शिक्षक, स्कूल और शिक्षा का अधिकार नहीं मिल जाता।

 सड़क से सदन तक उठाएयेंगे मुद्दा

संजय सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि योगी सरकार ने तुरंत शिक्षक भर्ती, स्कूलों की मरम्मत और बंद स्कूलों को फिर से शुरू करने की दिशा में कदम नहीं उठाया तो आम आदमी पार्टी यह मुद्दा सड़क से सदन तक जोरशोर से उठाएगी और हर मोर्चे पर सरकार को बेनकाब करेगी।

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