Advertisment

संसद में गूंजा सरकारी स्कूलों के विलय का मुद्दा : संजय सिंह बोले- गरीब बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही योगी सरकार

आप सांसद ने कहा कि जब राज्य में पहले ही शिक्षक और स्कूलों की भारी कमी है, तब स्कूल बंद करने का फैसला बच्चों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश है।

author-image
Deepak Yadav
sanjay singh

संसद में गूंजा सरकारी स्कूलों के विलय का मुद्दा Photograph: (YBN)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा में यूपी सरकार के सरकारी स्कूलों विलय और उनके बंद करने के फैसले के खिलाफ आवाज उठाई। संजय सिंह ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत नोटिस देकर इस गंभीर मुद्दे पर विशेष चर्चा की मांग की। संजय सिंह ने आग्रह किया कि नियम 267 के तहत सदन की सभी कार्यवाही को स्थगित कर इस अति महत्वपूर्ण एवं गम्भीर विषय पर तत्काल चर्चा कराई जाए।

लाखों बच्चों के भविष्य से खिलवाड़

आप सांसद ने कहा कि यूपी में शिक्षा का हाल पहले से ही बदहाल है। 26 हजार सरकारी स्कूल पहले ही बंद हो चुके हैं और अब योगी सरकार 27 हजार सरकारी स्कूल बंद करने और हजारों स्कूलों का विलय कर बंद करने का फैसला लेकर लाखों गरीब और वंचित बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि जब राज्य में पहले ही शिक्षक और स्कूलों की भारी कमी है, तब स्कूल बंद करने का फैसला बच्चों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश है।

सरकारी स्कूल बंद करना संविधान का उल्लंघन

संजय सिंह ने कहा कि "योगी सरकार का यह निर्णय गरीब, दलित, पिछड़े और ग्रामीण समाज के बच्चों को शिक्षा से दूर करने का षड्यंत्र है। संविधान के अनुच्छेद 21(A) के तहत हर बच्चे को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अधिकार है, लेकिन सरकारी स्कूलों को बंद करके योगी सरकार इस अधिकार का उल्लंघन कर रही है।

1.93 लाख शिक्षकों की कमी 

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में 1.93 लाख से अधिक शिक्षकों के रिक्त पदों और माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक संस्थानों में हजारों रिक्त पदों के कारण यह संकट और भी बढ़ गया है। कई जिलों में, एक ही शिक्षक पूरे विद्यालय का प्रबंधन कर रहा है। जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लगभग असंभव हो गई है और शिक्षा के संवैधानिक वादे को पूरी तरह से विफल कर दिया गया है।

शिक्षा विरोधी नीति को वापस लेने की मांग

Advertisment

उन्होंने आगे कहा कि यह समय शिक्षा के विस्तार और गुणवत्ता सुधार का है, लेकिन योगी सरकार इसके विपरीत जाकर सरकारी स्कूलों को बंद कर शिक्षा प्रणाली को निजीकरण की ओर धकेल रही है। संजय सिंह ने केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप कर उत्तर प्रदेश सरकार को शिक्षा विरोधी नीति वापस लेने की मांग की।

2 अगस्त को लखनऊ में प्रदर्शन करेगी आप

आम आदमी पार्टी ने साफ कहा कि वह इस मुद्दे पर किसी भी हाल में चुप नहीं बैठेगी। पार्टी सड़क से लेकर संसद और सुप्रीम कोर्ट तक बच्चों के शिक्षा अधिकार की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी। 2 अगस्त को  लखनऊ में आम आदमी पार्टी प्रदेश के स्कूलों को बचाने के लिए एक बड़ा आंदोलन करेगी।

आम आदमी पार्टी की मांगें

  • उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों के विलय और बंद करने के फैसले को तुरंत रद्द किया जाए।
  • शिक्षा क्षेत्र में बजट बढ़ाकर सभी सरकारी स्कूलों में आधारभूत सुविधाएं, शिक्षक और आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।
  • बच्चों के शिक्षा के अधिकार की रक्षा के लिए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर राष्ट्रीय शिक्षा सुधार योजना लागू करें।
Advertisment

यह भी पढ़ें- सरकारी स्कूलों के विलय का विरोध, शिक्षक लखनऊ में करेंगे प्रदर्शन

यह भी पढ़ें- 69000 शिक्षक भर्ती : आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय की आस

यह भी पढ़ें- ऊर्जा मंत्री के कार्यक्रम की बिजली गुल, मुख्य अभियंता समेत पांच निलंबित

Advertisment

यह भी पढ़ें- खेल विभाग में भर्ती को मंजूरी, यूपी ओलंपिक एसोसिएशन ने जताया आभार

Advertisment
Advertisment