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स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर उठ रहे सवाल Photograph: (Google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी में लगाए जा रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर उपभोक्तओं का संदेह दूर नहीं हो पा रहा है। पावर कारपोरेशन ने 39,33,924 लाख प्रीपेड मीटर लगाए हैं। इसके सापेक्ष सिर्फ 2,24,226 लाख (5.70) प्रतिशत चेक चेक मीटर लगाए गए हैं। लेकिन कहीं भी केन्द्र सरकार की गाइडलाइन का ध्यान नहीं रखा गया। दोनों मीटरों की रीडिंग के मिलान में हीलाहवाली से उपभोक्ताओं में संशय और आक्रोश की स्थिति बनी हुई है।
केन्द्र नहीं भेजी जा रही रीडिंग मिलान रिपोर्ट
प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर के टेंडर के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने 18,885 करोड़ रुपये मंजूर किया था, लेकिन प्रदेश में 27,342 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया गया। ऐसे में करीब 8,500 करोड़ ज्यादा खर्च किया जा रहा है। केन्द्र सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मीटर रिडिंग का मिलान करके डाटा रिपोर्ट हर महीने रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन लिमिटेड को भेजी जाए।
केन्द्र से 21 सितंबर को जारी हुआ था आदेश
कारपोरेशन कार्यकारी निदेशक ने भी 21 सितंबर 2023 को बिजली कंपनियों को आदेश जारी करते हुए उसके साथ रिपोर्ट भेजे जाने का प्रोफार्मा भी संलग्न किया था। इसके बावजूद अभी तक प्रदेश में प्रीपेड और चेक मीटर के मिलान की रिपोर्ट केन्द्र को नहीं भेजी गई। न ही रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया।
नियामक आयोग में एक लोक महत्व प्रस्ताव दाखिल
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बुधवार को नियामक आयोग में एक लोक महत्व प्रस्ताव दाखिल कर 15 सितंबर तक पूरा डाटा पेश किया। साथ ही पूरे मामले की जानकारी रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन को भी भेजी। उन्होंने आयोग से तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप की मांग उठाई।
बिजली कंपनी स्थापित स्मार्ट प्रीपेड मीटर चेक मीटर
पूर्वांचल 1332868 84867
मध्यांचल 901361 57578
दक्षिणांचल व केस्को 923520 50624
पश्चिमांचल 776175 31157
कुल 3933924 224226
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